महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी एवं अखिल भारतीय पुजारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पुजारी ने मंगलवार को उमा भारती के ड्रेस कोड पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने कहा था कि बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर ही ऐसा मंदिर है जहां सुबह भस्म आरती की जाती है, जिसमें शामिल होने के लिए ड्रेस कोड लागू है। साथ ही जब मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश बंद रहता है तब भी यदि अंदर जाकर दर्शन करना हो तो महिलाएं गर्भ गृह में सिर्फ साड़ी पहनकर ही प्रवेश कर सकती हैं। पुरुष सोला और धोती पहनते हैं, कुछ साध्वी अचला धोती और संन्यासी ड्रेस के ऊपर जैकेट पहनकर प्रवेश कर जाते हैं।
उमा ने क्या था यह ट्वीट
सुश्री भारती ने कहा कि उन्हें पुजारियों की ओर से निर्धारित ड्रेस कोड पर कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा था कि वे जब अगली बार मंदिर में दर्शन करने आएंगी, तब पुजारी यदि कहेंगे तो वे साड़ी पहन लेंगी। उन्होंने कहा कि यदि मंदिर के पुजारी ही उन्हें अपनी बहन समझकर मंदिर में प्रवेश के पहले साड़ी भेंट कर दें तो वे सम्मानित अनुभव करेंगी।
भारती ने कहा कि महाकाल के पुजारी युद्ध कला में भी पारंगत हैं। वे महाकाल के सम्मान की रक्षा के लिए जान न्योछावर करने के लिए तैयार रहते हैं। ऐसे महान परंपराओं के रक्षकों की हर आज्ञा सम्मान योग्य है। उस पर कोई विवाद नहीं हो सकता।
इससे पहले भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उमा भारती के प्रदेश प्रवास की सूचना सोमवार को दिल्ली से जारी की गई थी। नई दिल्ली से मुंबई राजधानी एक्सप्रेस से नागदा पहुंचकर वे उज्जैन पहुंचीं थीं।
मंदिर समिति ने तय किए थे ड्रेस कोड
मई 2018 में महाकाल मंदिर प्रबंधन समिति ने श्रद्धालुओं, समेत फोटोग्राफरों के लिए ड्रेस कोड लागू कर दिए थे। सभी सेवकों को भी निर्धारित ड्रेस पहनकर आने के निर्देश दिए गए थे। नए नियमों का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की भी चेतावनी दी गई थी।
-महाकाल मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भस्म आरती के दौरान पुरुषों को धोती-कुर्ता और महिलाओं को कोरी नई साड़ी पहनना अनिवार्य किया है।