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उज्जैन

गांवों में अनोखे ऑक्सीजन सिलेंडर, स्वच्छ होगी हवा

हरियाली की नई पहल: 300 पौधे रोपकर 1106 गांवों में स्थापित होंगे ऑक्सीजन सिलेंडर

उज्जैनJul 26, 2019 / 01:40 am

anil mukati

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उज्जैन. जिले के गांवों में पौधरोपण को लेकर पहली बार एक नया प्रयोग होना जा रहा है। गांवों में अब दो हजार वर्ग फीट का भूखंड लेकर छोटे-बड़े करीब 300 पौधे लगाए जाएंगे। गावों में बाड़े के भीतर लगने वाले इन पौधों ‘ऑक्सीजन सिलेंडरÓ नाम दिया गया है। खास बात यह कि एक निश्चित जमीन पर लगने वाले इन पौधों को रोपने में जैपनीज पद्धति का उपयोग किया जाएगा। जिला पंचायत की ओर से यह ऑक्सीजन सिलेंडर सभी 1106 गांव में स्थापित होंगे। इसके लिए पहले चरण में 100 बड़ी पंचायतों का चयन किया गया है।
जिला पंचायत सीइओ नीलेश पारिख का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में जगह की कमी के चलते दो हजार वर्ग फीट के भूखंड पर तार फेंसिंग कर यह पौधे लगेंगे। एक प्रकार से यह गांवों में सघन वनरोपण जैसा होगा। चूंकि एक निश्चित जगह पर लगने से इनकी सुरक्षा भी बेहतर हो सकेगी।
तीन लाख पौधे, हर तरह के वृक्ष
ऑक्सीजन सिलेंडर के इस पौधरोपण में जिलेभर के 1106 गांव में करीब तीन लाख पौधे आगामी दिनों में रोपे जाएंगे। इन पौधों में बड़े व छोटी साइज के पौध रहेंगे। विशेषकर कचनार, गुलमोहर, आंवला, करंज, गुलर, अर्जुन, सीताफल, जामफल व नरसिंग के पौधे लगाए जाएंगे।
जनसहयोग से करेंगे तार फेंसिंग व खरीदेंगे पौधे
ग्रामीण क्षेत्र में पौधे पंचायत की जमीन पर लगाए जाएंगे। वहीं अगर कोई व्यक्ति अपनी निजी जमीन पर भी लगाना चाहेंगे तो वह भी लगा सकेगा। दो हजार वर्ग फीट लगने वाले इस पौधरोपण में पौध व तार फेंसिंग सहित करीब २० से २५ हजार रुपए का खर्चा आएंगे। हालांकि अधिकारी बता रहे हैं कि यह राशि जनसहायोग के माध्यम से जुटाई जाएगी।
यह है जैपनीज पद्धति
दो हजार वर्ग फुट के भूखंड में लगने वाले पौधों को जैपनीज पद्धाति से लगाए जाएंगे। योजना प्रभारी कविता उपाध्याय ने बताया कि इस पद्धाति से देश में सिर्फ पंजाब में ही काम हुआ है। इसके बाद इसे प्रदेश में उज्जैन में लागू किया जा रहा है। इस पद्धति में पहली रो छोटे पौधे, दूसरी रो में एक बड़ा पौधा फिर छोटा पौधा और फिर छोटे पौधे की एक रो लगाई जाती है। इसका फायदा यह होता है कि बड़े पौधों की हाइट उंची होने के कारण छोटे पौध पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।
इनका कहना
ग्रामीण क्षेत्रों में सघन पौधरोपण की योजना शुरू की जा रही है। दो वर्ग फीट के भूखंड पर करीब ३०० पौधे लगाए जाएंगे। यह पौधे जापनीज पद्धति से लगेंगे। जनसहयोग से योजना पूरी करेंगे।
– शशांक मिश्र, कलेक्टर

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