कोरोना का संक्रमण फैलने का डर हर कहीं बना हुआ है। माधवनगर अस्पताल जैसे स्थानों पर तो इससे बचाव लिए और भी सुरक्षा इंतजामों की जरूरत है। माधवनगर अस्पताल में विभिन्न शिफ्ट में करीब १५० डॉक्टर-कर्मचारी कार्य करते हैं। यहां उपचार से जुड़ा डॉक्टर, मेडिकल-पेरामेडिकल स्टॉफ स्टॉफ तो मास्क, ग्लोब्ज, पीपीइ कीट आदि सुरक्षा इंतजामों का उपयोग कर रहा है लेकिन कई अन्य कर्मचारियों की सुरक्षा मास्क तक ही सिमित है। इसमें भी कई के मास्क ८-१० दिन पुराने हो चुके हैं। एक सफाईकर्मी ने बताया उसे कलेक्टर की मौजूदगी में हुई मॉक ड्रील के समय एन-९५ मास्क दिया था, तब से वह इसी का उपयोग कर रहा है। गंदा होने पर वह मास्क धोकर फिर उपयोग कर लेता है जबकि जानकारों का कहना है कि मास्क की अवधि इतनी अधिक नहीं होती कि कई दिनों तक पहना जाए। इसी तरह असपताल गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मी भी सिर्फ सामान्य मास्क पहनकर ड्यूटी दे रहे हैं। वे न ग्लोब्ज का उपयोग कर रहे हैं और नहीं हेयरकेप आदि का। हालांकि अस्पताल प्रशासन का दावा है कि पर्याप्त संख्या में सुरक्षा सामग्री हैं। कर्मचारियों को मास्क व सेनेटाइजर आदि भी दिए गए हैं।
संक्रमण का डर, मांगते पीपीइ किट
सूत्रों के अनुसार कोरोना वायरस के फैलने को लेकर कर्मचारियों में भी डर है। कुछ कर्मचारी जो मरीज की उपचार व्यवस्था से सीधे तौर पर नहीं जुडे़ हैं, वे भी पीपीइ किट की मांग कर रहे हैं। हालांकि यह किट मुख्यरूप से डॉक्टर, नर्स आदि के उपयोग के लिए होती है क्योंकि वे मरीज के उपचार में सीधे रूप से जुड़े हैं। अस्पताल प्रशासन द्वारा उन्हें पीपीइ किट उपलब्ध कराई जा रही है। इसके अलावा कई कर्मचारी एन-९५ मास्क की भी मांग कर रहे हैं। जिला अस्पताल में
जिला अस्पताल में किट नहीं
जिला अस्ताल में आउट डोर में तैनात कर्मचारी मास्क, ग्लोब्ज के साथ हेयर केप, एप्रीन का उपयोग कर रहे हैं। सफाईकर्मी भी सुरक्षा प्रोटोकॉल अपना रहे हैं। हालांकि वार्डों में कार्यरत कर्मचारियों में से कई को सिर्फ मास्क से ही काम चलाना पड़ रहा है। यहां भी कर्मचारी सुरक्षा किट की मांग कर रहे हैं।