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उज्जैन

नागदा पुलिस को राजस्थान के कंजरों के डेरों में क्यों देनी पड़ी दबिश

तीन किमी पैदल चलकर पहुंचे दूसरे गांव, मगर एक भी पुरुष नहीं लगा हाथ

उज्जैनFeb 14, 2020 / 12:22 am

Mukesh Malavat

Why did the Nagda police have to give rage in the tents of the Kanjars

तीन किमी पैदल चलकर पहुंचे दूसरे गांव, मगर एक भी पुरुष नहीं लगा हाथ

नागदा. करीब एक माह से भी कम समय के अंतराल में दूसरी बार जिले की पुलिस ने राजस्थान सीमावर्ती थाना चौमेला अतंर्गत कंजर बाहुल्य गांव लाखाखेड़ी सहित आसपास के तीन गांवों में दबिश दी, लेकिन इस बार भी पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा।
शहर एवं आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में कंजर मूमेंट और चोरियों की वारदात हो रही है, जिसको देखते हुए एसपी सचिन अतुलकर ने देहात एएसपी आकाश भूरिया के नेतृत्व में कंजरों के डेरों में दबिश के लिए दल का गठन किया। दल में आठ थानों से सौ से ज्यादा पुलिसकर्मियों को शामिल किया था, जिसमें सीएसपी मनोज रत्नाकर, खाचरौद एसडीओपी वीरेंद्र कुशवाह मंडी थाना प्रभारी श्यामचंद्र शर्मा, बिरलाग्राम थाना प्रभारी सुरेश सोलंकी, इंगोरिया थाना प्रभारी बारिया के अलावा महिदपुर रोड के थाना प्रभारी को भी दल में सम्मिलित किया गया। योजना के मुताबिक गुरुवार तड़के करीब ढाई बजे महिदपुर रोड थाने से पुलिस के सभी अधिकारी दबिश के लिए दल को लेकर रवाना हुए। करीब 125 किमी का सफर तय करने के बाद सुबह 5 बजे दल राजस्थान के सीमावर्ती गांव लाखाखेड़ी पहुंचा, जहां पुलिस को देखते ही पूरे गांव में हड़कंप मच गया। फिर पुलिस ने पूरे गांव में सर्चिंग ऑपरेशन चलाया। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद भी पुलिस को किसी भी घर या डेरे में कोई पुरुष नहीं मिला। सर्चिंग के दौरान पूरे गांव में पुलिस को मात्र महिलाएं और बच्चे ही मिले। इसके बाद पुलिस का दल लाखाखेड़ी से करीब ढाई किमी दूर गांव अरनिया और यहां से करीब आधा किमी दूरी पर स्थित गांव टुकड़ीया पैदल रास्ता तय कर पहुंची, लेकिन इन दोनों गांवों से भी पुलिस को निराशा ही हाथ लगी। तीनों गांवों में एक भी पुरुष पुलिस को नहीं मिला। लिहाजा पुलिस को खाली हाथ ही लौटना पड़ा है। बता दे कि इसके पूर्व 17 जनवरी को भी पुलिस ने लाखाखेड़ी के कंजर डेरों में दबिश दी थी, लेकिन उस दौरान भी पुलिस को कुछ भी हाथ नहीं लगा था। हालांकि दबिश का असर यह हुआ था कि कंजरों ने 13 जनवरी को जो कार चंबल सागर कॉलोनी से चोरी चली गई थी। दबिश के अगले दिन ही आलोट रेलवे स्टेशन परिसर में लावारिस हालत में बदमाश छोड़ गऐ। बाद में मौके से पुलिस ने जब्त कर नागदा ले आई थी।
शहर और गांवों मे वाहन चोरी की घटनाओं से पुलिस परेशान
इस साल 17 जनवरी को पुलिस ने पहली बार कंजरों के डेरों में दबिश दी तो पुलिस का चोरी गई कार को बरामद करने के साथ-साथ कुछ दिनों तक क्षेत्र में चोरियों की वारदातों पर भी अंकुश लग गया था, लेकिन एक पखवाड़े से दोबारा शहर एवं आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में वाहन चोरी की वारदातें में वृद्धि हो गई है। इस दौरान हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी से बिट्टू यादव नामक शख्स की टवेरा कार चोरी चली गई। वहीं मंगलवार-बुधवार दरमियानी रात को नायन गांव से दो बाइक चोरी चली गई। पुलिस का मानना है कि वाहन चोरी की इन घटनाओं में कंजर गिरोह का हाथ है। लगातार हो रही चोरी की घटनाओं से क्षेत्र में पुलिस की किरकिरी हो रही है। यही कारण है कि पुलिस ने एक माह से भी कम समय में दूसरी बार कंजरों के डेरों में दबिश दी है।
इन थानों से पहुंचा था दल
दल में जिन आठ थानों के पुलिसकर्मियों को शामिल किया गया। उनमें नागदा, बिरलाग्राम, इंगोरिया, भाटपचलाना, खाचरौद, राघवी, महिदपुर सिटी एवं महिदपुर रोड है। जहां के 100 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को दबिश के लिए ले जाया गया था।
क्षेत्र में चोरी की वारदातों को देखते हुए कंजरों के डेरों में दबिश दी गई है। यह बात भी सही है कि दबिश के दौरान एक भी पुरुष पुलिस के हाथ नहीं लगा। वारदातों को रोकने के लिए पुलिस की इस तरह की कार्रवाई लगातार जारी रहेगी।
आकाश भूरिया, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उज्जैन

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