उमरिया के अमरपुर की कुसुमी बाई कोल कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन के पास पहुंची। कलेक्ट्रेट में उन्हें देख हर कोई हैरान हो उठा। दरअसल पंचायत के रिकार्ड में कुसुमी बाई मृत थीं। उनकी बाकायदा अंत्येष्टि की गई थी जिसके लिए सरकारी योजना से पैसा भी निकाला गया था। मृत कुसुमीबाई को जिंदा देख लोग हैरान हुए तो उन्होंने अपनी मौत और यमराज की पूरी कहानी सुनाई।
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कुसुमी बाई कोल के अनुसार पंचायत के सरपंच और सचिव ने ही ‘यमराज’ बनकर उसकी ‘मौत’ की साजिश रची। सरकारी योजनाओं की राशि डकारने के लिए दोनों ने कुसुमीबाई को कागजों में मृत घोषित कर दिया। यहां तक कि जिंदा कुसुमीबाई का अंतिम संस्कार कर डाला और अंत्येष्टि सहायता की राशि निकाल ली। मानपुर जनपद पंचायत के अंतर्गत आनेवाली पंचायत के सरपंच और सचिव ने मिल कर उनकी संबल योजना की राशि भी निकाल ली।
जब कुसुमी बाई को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलना बंद हो गया तब उन्होंने पूछताछ करना चालू किया। तब जाकर मालूम चला कि सरपंच और सचिव ने उन्हें कागजों में मृत घोषित कर दिया है। कुसुमीबाई ने मामले की शिकायत की है। कलेक्टर ने मामले की जांच करने का आश्वासन दिया है।
खास बात यह है कि भली चंगी कुसुमी बाई कोल कागजों में आज भी मृत ही हैं। कलेक्टर को अपनी मौत और यमराज बने सरपंच-सचिव की पूरी कहानी बताने के बाद भी वे सरकारी रिकार्ड में अभी तक जीवित नहीं हो पाई हैं।