पत्रिका न्यूज नेटवर्क उन्नाव. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने निषादों के बड़े नेता रहे मनोहर लाल की मूर्ति का अनावरण कर समाजवादी पार्टी के चुनावी अभियान का आगाज कर दिया है। पूर्व मंत्री मनोहर लाल की 85वीं जयंती पर बुधवार को अखिलेश यादव लखनऊ से रथयात्रा लेकर उन्नाव पहुंचे। रास्ते में कई जगह सपाइयों ने उनका जोरदार स्वागत किया। यहां एक एक जनसभा भी प्रस्तावित थी, लेकिन कोविड प्रोटोकॉल का हवाला देते हुए जिला प्रशासन ने इसको अनुमति नहीं दी। अखिलेश यादव ने कहा कि कोविड प्रोटोकॉल खत्म होने पर यहां बड़ी रैली आयोजित की जाएगी। आगामी यूपी विधानसभा चुनाव (uttar pradesh assembly elections 2022) से पहले अखिलेश का यह दांव निषाद वोट बैंक की सियासत से जोड़ कर देखा जा रहा है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कोरोना महामारी में सरकार के प्रबंधन, पंचायत चुनाव में धांधली, बेरोजगारी और कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर योगी सरकार को कटघरे में खड़ा किया। कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूपी सरकार को क्लीन चिट दे रहे हैं, लेकिन सबने देखा है कि कोरोना की दूसरी लहर में इलाज के अभाव में कितने लोगों की जान गई। महामारी के दौरान गरीबों को इलाज तक नहीं मिला। अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने मनोहर लाल के हक की लड़ाई लड़ी है और सपा सरकार दलित-पिछड़ों को उनका हक दिलाने में कामयाब रहे। 2022 में यूपी में समाजवादी पार्टी की सरकार बनेगी।
मनोहरलाल ने निषाद-बिंद-मल्लाह-कश्यप और लोध जातियों को किया था एकजुट निषादों के अधिकारों की मांग करने लगे मनोहर लाल को निषाद-बिंद-मल्लाह-कश्यप और लोध जातियों को एकजुट करने के लिए भी जाना जाता रहा है। इन जातियों के बीच मनोहरलाल ने ही रोटी-बेटी का सम्बंध भी स्थापित किया था। मुलायम सिंह यादव की सरकार में मत्स्य पालन मंत्री भी बने। मनोहर लाल के निधन के बाद उनके सुपुत्र दीपक कुमार ने उन्नाव में राजनीतिक विरासत संभाली और सपा से कई बार विधायक और सांसद भी रहे। दीपक के निधन के बाद अब मनोहर लाल के बड़े बेटे रामकुमार और उनके भतीजे अभिनव संभाल रहे हैं।