राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य प्रीति भारद्वाज दलाल ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह जानकारी कि यह एक गंभीर मामला है। मुकदमा दर्ज कर आरोपी प्रधानाध्यापक के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
मामला उन्नाव के एक कंपोजिट विद्यालय का है। आरोप है कि प्रधान शिक्षक राजेश कुमार बीते दो वर्षों से छात्राओं के साथ यौन शोषण और छेड़खानी करता है। अपने कमरे में बहला फुसलाकर ‘बेड टच’ करता था। इनमें सभी छात्राओं की उम्र 7 से 14 वर्ष के बीच है। इसकी शिकायत बेसिक शिक्षा अधिकारी से की गई। लेकिन जांच के नाम पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
जिससे क्षुब्ध होकर अभिभावकों ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग दिल्ली में शिकायत की। बीते शनिवार को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की एक टीम विद्यालय पहुंची। जहां उन्होंने पीड़ित छात्राओं से बातचीत की और अभिभावकों के भी बयान लिए।
आयोग की सदस्य प्रीति भारद्वाज, लीगल एडवाइजर मोनिका टीम में शामिल जांच टीम में शामिल थी। जांच दौरान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य श्याम त्रिपाठी, अध्यक्ष बाल कल्याण समिति व न्याय पीठ प्रथम श्रेणी नायक मजिस्ट्रेट प्रीति सिंह भी मौजूद थी। इस मौके पर पुलिस के अधिकारी भी मौजूद थे।
क्या कहती है नई दिल्ली से आई आयोग की सदस्य
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग नई दिल्ली भारत सरकार की सदस्य प्रीति भारद्वाज ने बताया कि यौन शोषण करते हैं और गलत तरीके से छूते हैं। सभी की उम्र 7 से 14 साल के बीच है। बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष ने 18 लड़कियों के 361 के बयान लिए। अभिभावक और विद्यालय में काम करने वाले अन्य कर्मचारियों के भी बयान लिए गए। आईपीसी और 500 एक्ट के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया गया है मुकदमों की धाराओं में वृद्धि हो सकती है। उन्होंने इसे बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताया है। उन्होंने इसके साथ ही बीघापुर के बारासगवर में हुई घटना का भी जिक्र किया।