उन्नाव

18 महीने में आया आदेश: मानसिक विक्षिप्त युवती के साथ दुष्कर्म, आजीवन कारावास की सजा

अदालत में मानसिक विक्षिप्त युवती के साथ दुष्कर्म की घटना करने वाले युवक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। शासकीय अधिवक्ता विनय शंकर दीक्षित आशु ने यह जानकारी दी है। ‌

उन्नावMar 19, 2024 / 09:40 pm

Narendra Awasthi

गलत काम के लिए आजीवन कारावास की सजा

उत्तर प्रदेश के चुनाव में मानसिक किशोरी के साथ दुष्कर्म की घटना करने वाले युवक को पुलिस में अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ में अर्थ दंड भी लगाया है। अदालत के आदेश में अभियोजन विभाग से एडीजीसी विनय शंकर दीक्षित के महत्वपूर्ण भूमिका रही।‌ घटना अचलगंज थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक गांव की है। तहरीर के आधार पर पुलिस ने आईपीसी की धारा 376, 323 और 506 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया था। विवेचना अधिकारी ने 20 अक्टूबर 2022 को अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था। ‌एडीजे तृतीया की अदालत ने यह सजा सुनाई है।

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मानसिक रूप से विक्षिप्त युवती के साथ दुष्कर्म की घटना 22 सितंबर 2022 की है। अचलगंज थाना पुलिस ने 27 सितंबर 2022 को मुकदमा दर्ज किया था। मुकेश रैदास ने मंदिर में रुकी हुई युवती को बहला फुसलाकर कर झाड़ियां में ले गया। जहां उसके साथ गलत काम किया।

अदालत ने दिया आदेश

अदालत ने मुकेश रैदास पुत्र रामावतार निवासी थाना क्षेत्र अचलगंज को आईपीसी की धारा 376 में अदालत में दोषी माना और आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही 50 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है‌ अर्थ दंड अदा ना करने की दशा में 6 माह का अतिरिक्त कारावास भोगना पड़ेगा।

अलग-अलग धाराओं में अलग-अलग सजा

इसके साथ ही आईपीसी की धारा 323 में 6 माह का कारावास और 1 हजार का अर्थदंड लगाया है। न भरने पर एक माह का अतिरिक्त साधारण कारावास भोगना पड़ेगा। इसी क्रम धारा 506 के अंतर्गत 6 महीने का सश्रम कारावास से दंडित किया गया है। इसके साथ 1 हजार रुपए का जुर्माना भी लगा है। जुर्माना अदा न करने की स्थिति में एक माह का अतिरिक्त साधारण कारावास भोगना पड़ेगा।

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