338903 मतदाताओं वाली विधानसभा विधानसभा में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है। 2020 के जातिगत आंकड़ों पर नजर डालें तो मुस्लिम मतदाताओं की संख्या लगभग 66 हजार है। जबकि निषाद और लोधी समुदाय से लगभग 52 हजार मतदाता है। इसके अतिरिक्त एससी एसटी 42 हजार, ब्राह्मण 40 हजार, क्षत्रिय 27 हजार, यादव 25 हजार, बाल्मिक 17 हजार, पाल 16 हजार और कुर्मी लगभग 14 हजार मतदाता है। इसके बाद अन्य की संख्या आती है। सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार बांगरमऊ के कुल 338903 मतदाताओं में 184900 पुरुष,147679 महिला, 30 अन्य है।
यह भी पढ़ें
किसमें कितना है दमबांगरमऊ विधानसभा से अभी तक अब तक कोई महिला प्रत्याशी ने जीत हासिल नहीं की है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष आरती बाजपेई के पिता गोपीनाथ दीक्षित ने सबसे अधिक यहां से चार बार विधायक बने हैं। 1969,1980, 1985, 1991 में उन्हें सफलता मिली। समाजवादी पार्टी को तीन, बीएसपी को दो बार सफलता मिली है। जब बीजेपी को इस विधानसभा सीट पर पहली बार उस समय सफलता हाथ लगी। जब समाजवादी पार्टी से बीजेपी में आए कुलदीप सिंह सेंगर को टिकट मिला। 2017 के चुनाव में कुलदीप सिंह सेंगर ने बीजेपी का परचम फहराया। लेकिन दुष्कर्म के मामले में अदालत से सजा मिलने के बाद उनकी विधायकी चली गई। उपचुनाव में बीजेपी के ही पूर्व जिलाध्यक्ष श्रीकांत कटियार ने जीत हासिल की।
कृषि यंत्रों के लिए बड़ा बाजार है बांगरमऊ
यहां की प्रमुख समस्याओं में प्रतिवर्ष आने वाली गंगा में बाढ़ है। जिससे स्थानीय लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके अतिरिक्त बिजली, सड़क, स्वास्थ्य सेवाएं, कच्ची शराब भी लोगों के लिए परेशानी का सबब है। बांगरमऊ कृषि यंत्रों के लिए प्रमुख स्थानों में से एक है। यहां बड़ी बड़ी दुकान कृषि यंत्रों की बिक्री करती हैं। लखनऊ, कानपुर, हरदोई से सटे बांगरमऊ के मतदाता किस पार्टी को पसंद करते हैं। यह भविष्य की गर्त में है। अभी तक किसी पार्टी ने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है। मुस्लिम बहुल क्षेत्र होने के कारण सपा से बदलू खान प्रबल दावेदारों में है। जिनका टिकट को उपचुनाव में काट दिया गया था। बीजेपी से श्रीकांत कटियार, कांग्रेस से आरती बाजपेई भी प्रत्याशिता की दौड़ में है। आगामी चुनाव को देखते हुए सभी पार्टियां जमकर पसीना बहा रही हैं।