उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष त्रिभुवन सिंह ने कहा कि आज शिक्षामित्र विषम परिस्थितियों से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि शासन के आला अधिकारी मंत्री मुख्यमंत्री ने लोगों की समस्याओं को अनदेखा कर रखा है, प्रदेश में रोजाना शिक्षामित्रों की मौत हो रही है। प्रदेश के शिक्षामित्रों को आज उनके कार्य के बदले समय से मानदेय भी नहीं मिल रहा है। कई जनपद ऐसे हैं जहां पर शिक्षामित्रों को 8-10 महीने से कुछ नहीं मिला है। कानपुर उन्नाव के भी कई शिक्षामित्र हैं, जिन्हें तीन चार माह से मानदेय नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि मानदेय समय से न मिलने के कारण शिक्षामित्र मानसिक व आर्थिक रूप से परेशान हैं। इसके लिए हम लोगों ने कई बार मुख्यमंत्री और संबंधित अधिकारियों से वार्ता की, लेकिन समस्या का समाधान नहीं किया गया। इसलिए हम लोगों ने गंगा जल लेकर संकल्प लिया है कि यदि सरकार शिक्षामित्रों के प्रति सकारात्मक रुख नहीं अपनाती है तो आगामी 30 जून से प्रचंड सत्याग्रह करेंगे। इसमें प्रदेश का प्रत्येक शिक्षामित्र अपनी सहभागिता देगा और इस सत्याग्रह में सभी संगठन शामिल हो रहे हैं।
पंडित विशंभर दयाल त्रिपाठी पार्क गांधीनगर तिराहा में बातचीत करते हुए उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिला अध्यक्ष सुधाकर तिवारी ने कहा कि संकल्प तिरंगा यात्रा के माध्यम से हम सरकार तक संदेश पहुंचाना चाहते हैं कि आगामी 30 मई तक शिक्षामित्र के कार्यों व उनकी सेवाओं को देखते हुए सकारात्मक निर्णय लें। वरना आगामी 1 जून को लखनऊ की सड़कों पर शिक्षामित्रों का हुजूम उमड़ेगा। इसमें पूरे प्रदेश से शिक्षामित्र अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे और इसकी सारी जिम्मेदारी शासन व प्रशासन की होगी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश का प्रत्येक शिक्षामित्र लखनऊ की धरती पर आकर अपनी बात रखने के लिए बाध्य होगा। इस मौके पर ध्रुव, अभिनय, संतोष, श्याम सिंह, ज्ञान दीक्षित, कुलदीप शुक्ला, रामेंद्र द्विवेदी सहित बड़ी संख्या में शिक्षामित्र तिरंगा यात्रा में शामिल थे।