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पृथ्वी दिवस 2022: 192 देश मनाते हैं, फिर भी ग्लोबल वार्मिंग का खतरा, गर्मी में वृद्धि, सर्दी हुई कम

विश्व 22 अप्रैल 1970 से पृथ्वी दिवस मना रहा है। लेकिन आज भी पृथ्वी पर खतरा मंडरा रहा है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण मौसम चक्र में जबरदस्त परिवर्तन आ रहा है। पृथ्वी का तापमान लगातार बढ़ रहा है। जानते हैं ग्लोबल वार्मिंग के विषय में क्या कहते हैं मौसम वैज्ञानिक?

कानपुरApr 21, 2024 / 07:36 pm

Narendra Awasthi

22 अप्रैल को विश्व ‘पृथ्वी दिवस’ (earth day) मना रहा है। ग्लोबल वार्मिंग के खतरे से धरती को बचाने के लिए यह दिन मनाया जाता है। सीएसए कानपुर के मौसम वैज्ञानिक डॉक्टर एसएन सुनील पांडे ने बताया कि विश्व के 192 से अधिक देशों में पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। ‘पृथ्वी दिवस’ के समय उत्तरी गोलार्ध में बसंत और दक्षिणी गोलार्ध में सर्द मौसम होता है। तमाम जीव-जंतुओं, पेड़-पौधों को बचाने, पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए भी यह दिन मनाया जाता है। जिसकी शुरुआत 1970 में हुई थी।
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डॉ एसएन सुनील पांडे ने बताया कि जूलियन केनिग के जन्मदिन पर ‘पृथ्वी दिवस’ मनाया जाता है। जो नेल्सन संगठन समिति के सीनेटर थे। उन्होंने पृथ्वी दिवस का नाम दिया था। जिसके लिए 22 अप्रैल का दिन चुना गया। 22 अप्रैल के दिन जूलियन केनिग का जन्म हुआ था। इसकी स्थापना 1970 में अमेरिकी सीनेटर जेराल्ड नेल्सन ने की थी। जिसका उद्देश्य पर्यावरण की सुरक्षा और शिक्षा था।
क्या होता है ग्लोबल वार्मिंग?

मौसम वैज्ञानिक ने कहा कि भले ही आज विश्व पृथ्वी दिवस मना रहे हो। लेकिन पृथ्वी पर खतरा जस का तस मंडरा रहा है। ग्लोबल वार्मिंग से धरती को सबसे ज्यादा खतरा है। जिसके कारण तापमान लगातार बढ़ रहा है। इसे ही ग्लोबल वार्मिंग कहते हैं। जो विश्व के सामने बड़ी समस्या के रूप में उभरा है। इसके प्रमुख कारणों में ग्रीनहाउस गैस है। जिसमें नाइट्रस ऑक्साइड, मीथेन क्लोरो कार्बन, वाष्प, ओजोन शामिल है।
सर्दी की तुलना में गर्मियां बढ़ रही

डॉक्टर एसएन सुनील पांडे ने बताया कि उद्योगों से बड़े पैमाने पर कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन हो रहा है। जो पिछले 15 सालों में कई गुना बढ़ गया है। फ्रिज, एयर कंडीशन, कंप्यूटर, स्कूटर, प्लास्टिक का उत्पादन भी इसके जिम्मेदार है। जिसके कारण मौसम चक्र में लगातार बदलाव आ रहा है। जिससे पर्यावरण को भी खतरा है। विश्व में गर्मियां लंबी और सर्दी छोटी होती जा रही है।

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