सपा से विधायक अमिताभ बाजपेई ने पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर सूचना दी थी कि वह अपने खिलाफ दर्ज मुकदमे को लेकर गिरफ्तारी देंगे। मुकदमा सपा नेता सम्राट विकास को छुड़वाने के दौरान हुई बातों को आधार बना कर लिखा गया था। जिसमें सपा विधायक, गठबंधन प्रत्याशी आलोक मिश्रा सहित 200 लोगों को शामिल किया गया था। अमिताभ बाजपेई ने कहा कि एक पुलिस अधिकारी के अहंकार के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। पुलिस अधिकारियों के आश्वासन के बाद उन्होंने ज्ञापन देकर निष्पक्ष जांच की मांग की है।
मूल वीडियो जारी करने की मांग अमिताभ बाजपेई ने कहा कि घटना का मूल वीडियो जारी किया जाए। जिसमें सम्राट विकास और पुलिस अधिकारी के बीच बातचीत हुई थी। बिना उनका पक्ष जाने मुकदमा लिख दिया गया। पुलिस अधिकारियों से बातचीत के बाद उन्होंने अपना प्रदर्शन स्थगित कर दिया है। इस दौरान पुलिस पूरे मामले की जांच करें। यदि ऐसा नहीं होता है, तो चुनाव के बाद जब आचार संहिता और धारा 144 नहीं होगी, केवल समाजवादी पार्टी का जन सैलाब लाभ होगा। विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
पुलिस पर उठाए सवाल पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए सपा विधायक ने कहा कि स्कूटर सवार को कार बेल्ट और कार वाले को हेलमेट में चालान कर देते हैं। उन्होंने पूछा कि क्या विधायक का थाना पर आना लोक व्यवस्था को भंग करना है? क्या थाना आने से पहले हमें पुलिस अधिकारियों की अनुमति लेनी चाहिए?
गिरफ्तारी की धारा नहीं सहायक पुलिस आयुक्त पनकी तेजबहादुर सिंह ने बताया कि मुकदमा में गिरफ्तारी की कोई धारा नहीं थी। विधायक ने बातचीत के दौरान अपनी मांगे रखी है। जिस पर पुलिस के उच्चाधिकारियों से विचार-विमर्श किया जाएगा। सपा विधायक गिरफ्तारी के लिए आए थे। लेकिन गिरफ्तारी की कोई धारा नहीं थी। इसलिए गिरफ्तार नहीं किया गया।