प्रतापगढ़ का भदरी राजघराना प्रतापगढ़ के भदरी राजघराने से जुड़े रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की छवि बाहुबली नेता की मानी जाती है। उन्हें सियासी राह पर दल-बदल से कोई परहेज नहीं है। उन्होंने प्रतापगढ़ की कुंडा सीट से पांच जीत हासिल की है। यूपी में चाहे बीजेपी सरकार हो या फिर सपा की सरकार, उन्होंने किसी से भी समझौता करने और मंत्री पद हासिल करने में देर नहीं की।
यह भी पढ़ें… क्या दबाव की राजनीति कर रही है बीजेपी? मायावती की चुप्पी और राजा भैया के खिलाफ सीबीआई जांच से खड़े हुए सवाल प्रतापगढ़ का कालाकांकर राजघराना प्रतापगढ़ के बड़े राजघरानों में से एक था कालाकांकर राजघराना। इस राजघराने की राजकुमारी रत्ना सिंह कई बार सांसद रही हैं। रत्ना सिंह के पिता दिनेश प्रताप सिंह, इंदिरा गांधी की कैबिनेट में शामिल थे। ये राजघराना गांधी परिवार का करीबी भी माना जाता है।
प्रतापगढ़ का मांडा राजघराना मांडा राजघराना ने तो इस देश प्रधानमंत्री तक दिया है। जी हां देश के आठवें प्रधानमंत्री वीपी सिंह मांडा राजघराने के वंशज थे। मगर वीपी सिंह के बाद इस राजघराने ने सियासत से अपना रिश्ता तकरीबन खत्म कर लिया है। वीपी सिंह के निधन के बाद उनके बड़े पुत्र अभय प्रताप सिंह ने सियासत की विरासत को आगे बढ़ाने की कोशिश तो ज़रूर की मगर कामयाब नहीं हो सके।
यह भी पढ़ें… आयकर छापों पर अखिलेश ने क्यों की बीजेपी की कांग्रेस से तुलना ? जानिए वजह प्रतापगढ़ का दिलीपपुर राजघराना दिलीपपुर राजघराना से सियासत में किसी ने कोई बड़ी उपलब्धि हासिल नहीं की है। कभी इस राजघराने के वंशज राजा अमरपाल सिंह उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य थे। मगर उनके बाद सियासत में कोई खास मुकाम पर नहीं पहुंच सका और सिर्फ ब्लाक प्रमुख, बीडीसी या प्रधानी तक सिमट चुके हैं।