scriptOpinion : स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में यूपी की रैंकिंग सुधरी, देश के टॉप टेन में यूपी का कोई शहर नहीं | Swachh Survekshan 2021 up cities not in top 10 Ranking | Patrika News
लखनऊ

Opinion : स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में यूपी की रैंकिंग सुधरी, देश के टॉप टेन में यूपी का कोई शहर नहीं

Opinion- साफ-सफाई के मामले में भले ही इस बार उत्तर प्रदेश की रैंकिंग में सुधार आया है, लेकिन लंबी दूरी अभी भी तय करनी बाकी है। टॉप 10 में हमारा कोई भी शहर शामिल नहीं हैं। स्वच्छता के मामले में इंदौर टॉप पर है। वहां तक पहुंचने के हमें कई स्तर पर काम करने की जरूरत है।

लखनऊNov 23, 2021 / 01:06 pm

Hariom Dwivedi

 Opinion on Swachh Survekshan 2021 ranking of up cities
Opinion- केंद्र सरकार की स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग में लखनऊ सहित उत्तर प्रदेश के 18 शहरों को पुरस्कार मिला है। इस दौरान रैंकिंग में भी सुधार हुआ है, जिसके बाद यूपी सातवें से छठे स्थान पर पहुंच गया है। स्वच्छता के मामले में प्रदेश के चयनित शहरों में लखनऊ अव्वल है। राजधानी को ‘बेस्ट स्टेट कैपिटल इन सिटीजन फीड बैक’ का पुरस्कार दिया गया। मतलब, लोगों की समस्याओं को सुनने और निस्तारण में नवाबों की नगरी पहले नंबर पर रही। दूसरे स्थान पर गाजियाबाद, तीसरे पर कानपुर, चौथे पर आगरा, पांचवें पर प्रयागराज, छठे पर मेरठ और सातवें स्थान पर वाराणसी रहा है। हालांकि, प्रदेश का कोई भी शहर टॉप टेन में शामिल नहीं हो सका है। देश की रैंकिंग में राजधानी लखनऊ 12वें स्थान पर, कानपुर 21वें और वाराणसी 30वें स्थान पर है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत मिशन अभियान राष्ट्रीय आंदोलन के तौर पर शुरू किया गया था। इस अभियान का उद्देश्य गलियों, सड़कों तथा इंफ्रास्ट्रक्चर को साफ-सुथरा करना और कूड़े का निस्तारण करना है।
साफ-सफाई के मामले में भले ही इस बार उत्तर प्रदेश की रैंकिंग में सुधार आया है, लेकिन लंबी दूरी अभी भी तय करनी बाकी है। टॉप 10 में हमारा कोई भी शहर शामिल नहीं हैं। स्वच्छता के मामले में इंदौर टॉप पर है। वहां तक पहुंचने के हमें कई स्तर पर काम करने की जरूरत है। अभी भी प्रदेश के कई शहरों में कूड़ा उठान की व्यवस्था नहीं है। गार्बेज डम्प एरिया की कमी है और लोग भी कम जागरूक हैं। ऐसे में हमारा शहर और प्रदेश तभी स्वच्छ होगा जब हम स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ लोग में स्वच्छता अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे।
ऐसे में सरकार की जिम्मेदारी है कि छोटे-छोटे गार्बेज डम्प एरिया बनाये जाएं। कूड़ा उठाने की व्यवस्था हो। नालियों और गलियों की साफ-सफाई के लिए कर्मचारी लगाये जाएं, जिनकी नियमित मॉनिटरिंग भी हो। पब्लिक प्लेस पर डस्टबिन और सार्वजनिक शौचालयों की कमी को दूर किया जाये। लोगों के लिए जागरूकता अभियान चलाये जाएं। इसके अलावा लोगों की भी जिम्मेदारी है कि इधर-उधर कूड़ा न फेंके बल्कि डस्टबिन का उपयोग करें। इधर-उधर थूकने से बचें और सार्वजनिक शौचालय का इस्तेमाल करें। (ह.ओ.द्वि.)
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