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उपचुनाव ने सीएम योगी व डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या को उनकी ताकत दिखा दी है। पार्टी में दोनों ही नेताओं की ताकत कमजोर होना तय है। यूपी में सीएम योगी ने अपने पसंद के डीजीपी ओपी सिंह को नहीं बनाये जाने पर नाराज हो गयी थे और सीएम योगी के दबाव में आकर केन्द्र सरकार को ओपी सिंह को रिलीव करना पड़ा था। इसके अतिरिक्त ऐसे कई प्रकरण आये थे जब सीएम योगी ने बीजेपी से अपनी बात मनवायी थी लेकिन अब ऐसा होना आसान नहीं होगा। सीएम योगी व डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या के बीच मतभेद किसी से छिपी नहीं है। ऐसे में अब साफ हो गया है कि लोकसभा चुनाव २०१९ से पहले बीजेपी में बड़ा फेरबदल होगा।
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