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वाराणसी

पुष्पेंद्र यादव एनकाउंटर के खिलाफ PM का क्षेत्र लगातार दूसरे दिन रहा गरम

पुष्पेंद्र यादव एनकाउंटर के खिलाफ सपा ने निकाला कैंडिल मार्चपीएम मोदी को लोकसभा चुनाव में चुनौती देने वाली शालिनी ने फर्जी एनकाउंटर की न्यायिक जांच की उठाई मांग

वाराणसीOct 10, 2019 / 09:27 pm

Ajay Chaturvedi

सपा का कैंडिल मार्च

सपा का कैंडिल मार्च

वाराणसी. सपा नेता व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 2019 के लोकसभा चुनाव में कड़ी टक्कर देने वाली शालिनी यादव के नेतृत्व में पार्टी का लगातार दूसरे दिन पुष्पेंद्र यादव एनकाउंटर के खिलाफ बनारस गर्म रहा। सपा नेता और कार्यकर्ताओं ने गुरुवार की शाम निकाला कैंडिल मार्च और लहुराबीर स्थित आजाद पार्क में धरना दिया। उन्होंने इस एनकाउंटर को फर्जी करार देते हुए इस प्रकरण की न्यायिक जांच की मांग की।
पुष्पेंद्र यादव सहित बनारस और यूपी में लगातार हो रही हत्याओं के विरोध में गोवर्धन पूजा समिति की अध्यक्ष शालिनी यादव के नेतृत्व में सपा नेताओं व कार्यकर्ताओं ने मौन धरना देने के साथ ही विरोधस्वरूप कैंडल मार्च निकाला। इस अवसर पर शालिनी यादव ने कहा कि वर्तमान सरकार की जांच पर जनता का भरोसा नही है। ऐसे में हाइकोर्ट की निगरानी में ही जांच होनी चाहिए। इसके लिए जरूरत पड़ने पर गोवर्धन पूजा समिति आंदोलन करेगी।

यादव ने आरोप लगाया कि प्रदेश में इस समय गुंडा राज है और आए दिन हत्या हो रही है। इससे आम जनता में दहशत का माहौल है। उन्होंने कहा कि अब तक मृत ठेकेदार अवधेश श्रीवास्तव के बकाया पेमेंट का भुगतान भी तमाम आश्वासन के बावजूद नही किया गया है जिससे सिद्ध होता है कि वर्तमान सरकार हर मोर्चे पर फेल हो गई है।
धरना के बाद एक कैंडल मार्च भी निकाला गया जिसमें लोग पुष्पेंद्र यादव को न्याय दो, मृतक अवधेश श्रीवास्तव का भुगतान करो आदि का नारे लगा रहे थे। अंत मे 2 मिनट का मौन रख कर मृतकों को श्रंद्धाजलि दी गई।
धरना व कैंडल मार्च में भारी संख्या में समिति के पदाधिकारियों के अलावा सर्व समाज के लोग उपस्थित रहे जिसमे भाला यादव, डॉ उमाकांत सिंह , जय प्रकाश यादव, उमेश प्रधान, धनंजय यादव, डॉ अरविंद यादव, प्रभाकर यादव, खुशबुद्दीन एडवोकेट, दीप चंद गुप्ता, मोइनुद्दीन अंसारी, जितेंद्र यादव, डॉ आनंद प्रकाश तिवारी, वीरेंद्र, मनोज यादव, राजू यादव, धर्मेंद्र फौजी, सुरेश छोटे भैया, शालू यादव, हिमांशु यादव, शिव आधार यादव, नीतीश यादव, सुरेंद्र प्रधान, अरुण यादव आदि प्रमुख रहे।
बता दें कि इससे पूर्व बुधवार को उस वक्त अजीबो गरीब स्थिति पैदा हो गई थी जब काशी के यादव समाज के लोगों ने विश्व प्रसिद्ध नाटी इमली के भरत मिलाप का रथ उठाने से इंकार कर दिया था। यहां यह भी बता दें कि यादव समाज ही श्री राम दरबार का रथ तीन सौ साल से उठाता आ रहा है।
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