वाराणसी. उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के भीतर घमासान चल रहा है। चाचा-भतीजे के बीच तलवारें खींची हैं। विवादों के घेरे के बीच भी सीएम अखिलेश अपने कार्यों को बतौर मुख्यमंत्री कार्य को प्राथमिकता दे रहे हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सरकार ने वाराणसी के पड़ोसी जिले मीरजापुर में राजकीय महिला पालिटेक्नीक को मंजूरी दे दी है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र मीरजापुर में महिलाओं के उत्थान की दिशा में मुख्यमंत्री का यह कदम सराहनीय है।
महिलाओं की सुरक्षा को लेकर प्रदेश में कई योजनाएं संचालित करने वाले सीएम अखिलेश यादव की सरकार ने मीरजापुर में बनने वाले राजकीय महिला पालिटेक्नीक के लिए राजकीय निर्माण संघ को जिम्मेदारी दी है। महिला पालिटेक्नीक के नए भवन के निर्माण के लिए यूपी सरकार ने पहली किश्त के रूप में पांच करोड़ 77 लाख 48 हजार रुपये जारी कर दिए हैं। राजकीय महिला पालिटेक्नीक के लिए यूपी सरकार ने लगभग पंद्रह करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। विशेष सचिव शिवाकांत द्विवेदी ने इस बाबत शासनादेश जारी करते हुए अतिशीघ्र कार्य प्रारंभ कराए जाने की अपेक्षा की है।
मीरजापुर में राजकीय महिला पालिटेक्नीक खुलने से मीरजापुरवासियों समेत आसपास के जिलों की युवतियों को भी आगे बढऩे का मौका मिलेगा। नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण मीरजापुर में अब भी युवतियां पढ़ाई-लिखाई और रोजगार के मामले में काफी पीछे हैं। ऐसे में मीरजापुर में राजकीय महिला पालिटेक्नीक खुलने से युवतियों को काफी लाभ होगा और उनके लिए रोजगार के रास्ते खुलेंगे।
मीरजापुर को पालिटेक्नीक की सौगात देने के पीछे राजनीतिक मायने भी हैं। मीरजापुर में या तो बसपा के बाहुबली नेता विनीत सिंह का सिक्का चलता है या फिर कांग्रेस विधायक ललितेश त्रिपाठी की। चुनावी बेला में मीरजापुर को यह सौगात सपा के लिए मीरजापुर में दरवाजे खोल सकती है। अखिलेश ने बतौर मुख्यमंत्री यह तोहफा दिया है, स्वाभाविक है कि निर्माण पूर्ण होने तक अगली सरकार आ जाएगी। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या अखिलेश इस कालेज का उद्घाटन कर पाएंगे या नहीं।