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मायावती व शिवपाल यादव के खास में राजन मित्तल की गिनती होती है। सपा सरकार के तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव को भी राजन मित्तल का काम पसंद नहीं आया था और सेतु निगम के एमडी पद से हटाया था। सीएम योगी सरकार बनने के बाद डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ही राजन मित्तल को सेतु निगम के एमडी पद पर लाये थे। फ्लाईओवर हादसे के लिए गठित जांच रिपोर्ट आने के पहले ही राजन मित्तल को सेतु निगम के एमडी पद से हटा दिया गया था। इससे सवाल उठने लगा है कि राजन मित्तल को विवादों से बचाने के लिए ही जांच रिपोर्ट आने से पहले कार्रवाई की गयी है। इससे यूपीआरएनएन के प्रबंध निदेशक पर हुई तैनाती पर किसी का ध्यान नहीं जाये। सेतु निगम की तरह ही यूपीआरएनएन संस्था निर्माण से जुड़ी हुई है। इसके बाद भी सीएम योगी सरकार में खेल हुआ और एक ही जगह पर कार्रवाई की गयी।
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