धरने को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री अजय राय ने कहा कि पुल बना नहीं, सारा ट्रैफिक नाद नदी की तलहटी के बाइपास कच्चे मार्ग से बेहद कठिनाई से बमुश्किल गुजर रहा है। लेकिन रिमोट प्रणाली से बिना स्थलीय सत्य जाने प्रधानमंत्री स्तर से उसका उद्घाटन हो गया। उन्होंने कहा कि वाराणसी में प्रधानमंत्री स्तर से कोई महत्वपूर्ण संस्थागत विकास तो हुआ नहीं। हर बार ऐसे आधे अधूरे रुटीन निर्माण कार्यों का उनके स्तर से फर्जी लोकार्पण कराया जा रहा है जो शर्मनाक है। कहा कि कभी तो रामनगर पुल या मडुवाडीह फ्लाई ओवर के विगत प्रदेश सरकार के विकास कार्य पूर्ण होने पर भी प्रधानमंत्री के नाम पर जनता को उपयोग से लंबे समय तक रोक रखा जाता है या संप्रग सरकार निर्मित ट्रामा सेंटर कुलपति के बाद उनके द्वारा दोबारा उद्घाटित होता है। इसके अलावा बार बार अधूरे विकास कार्य प्रधान मंत्री लोकार्पित किए जाते हैं। ऐसे फर्जी लोकार्पणों की महज प्रचार की राजनीति के खिलाफ पूर्व की तरह इस बार भी कांग्रेसजनों ने विरोध दर्ज कराने की जिम्मेदारी इस धरने से निभाई है।
धरना-प्रदर्शन में जिला कांग्रेस अध्यक्ष प्रजा नाथ शर्मा, सतीश चौबे, प्रो.सतीश कुमार, शैलेंद्र सिंह, ओम प्रकाश ओझा, राघवेन्द्र चौबे, चन्द्रभाल सिंह, श्रीप्रकाश सिंह, राम सनेही पांडेय, देवेंद्र सिंह, राजीव राम,बचाऊ सिंह, संजय सिंह डाक्टर, दीना सिंह, विजय सिंह रिंकू, श्रीकांत वर्मा, शशिकांत मिश्रा, संकठा सिंह, पप्पू यादव और मोती यादव,राजेश सिंह, गुड्डू सिंह, कृष्णा मौर्या, विष्णु उपाध्याय आदि शामिल थे।