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वाराणसी

Effect of inflation: वाराणसी सहित पूर्वांचल के निर्यातकों को लगा जोर का झटका, छोटे कारोबारियों का बुरा हाल

Effect of inflation: कच्चे माल और ढुलाई भाड़ा में बेहिसाब वृद्धि के चलते वाराणसी सहित पूर्वांचल के निर्यातकों को जोर का झटका लगा है। करीब महीना-दो महीना पहले जिन निर्यातकों ने आर्डर बुक किए थे उन्हें अब मुनाफा तो दूर लागत निकालना भी मुश्किल हो रहा है। उन्हें समझ नहीं आ रहा कि करें तो करें क्या? समय से माल न पहुंचा पाने पर पेनाल्टी का भय भी सता रहा है।

वाराणसीApr 11, 2022 / 04:07 pm

Ajay Chaturvedi

महंगाई की मार निर्यातकों पर (प्रतीकात्मक फोटो)

महंगाई की मार निर्यातकों पर (प्रतीकात्मक फोटो)

वाराणसी. Effect of inflation: कच्चे माल और ढुलाई भाड़ा में हुई बेतहाशा बढ़त्तरी के चलते वाराणसी सहित पूर्वांचल के निर्यातकों का बुरा हाल है। महीना दो महीना या उससे भी पहले जिन्होंने आर्डर बुक किया है उनकी हालत गंभीर हो चली है। मुनाफा तो दूर लागत निकाल पाना भी मुश्किल हो चला है। समय से माल की सप्लाई न होने पर पेनाल्टी का डर अलग से सता रहा है।
ट्रांसपोर्ट भाड़े में बढ़ोत्तरी से ज्यादा प्रभाव

वाराणसी के प्रमुख निर्यातक व बनारस बीड्स के मालिक अशोक गुप्ता ने पत्रिका संग बातचीत में बताया कि पेट्रोल-डीजल के दाम में 10-12 फीसद तक की वृद्धि के चलते ट्रांसपोर्टेशन महंगा हो गया है। ऐसे में यहां से मुंबई तक ही माल भेजने में भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। दूसरे पानी के जहाज के भाड़े में भी दो से तीन गुना की बढ़ोत्तरी हो गई है। इसके चलते भी नुकसान हो रहा है।
छह-छह महीने पहले बुक होता है आर्डर

निर्यातक गुप्ता बताते हैं कि हम लोग छह-छह महीने पहले का आर्डर बुक करते हैं। बताया कि अभी अप्रैल का महीना है और क्रिसमस का आर्डर बुक है। महंगाई के चलते इसका प्रभावित होना तय है। पेट्रोल-डीजल के दाम में बढ़ोत्तरी तो प्रभव डाल ही रही है, कच्चा माल, ग्लास फर्नेस ईंधन भी महंगा हो गया है। इससे जिस दाम पर आर्डर बुक हुआ था उसमें सप्लाई करना आसान नहीं। कम से कम तीन माह का मुनाफा तो गया।
उत्पादन लागत में 30-40 फीसद की वृद्धि

निर्यातकों के मुताबिक उत्पादन लागत में 30 से 40 फीसद तक की वृद्धि हो गई है। कारपेट धागा जो छह महीने पहले 130-250 रुपये प्रति किलोग्राम था, उसकी कीमत अब 150-300 रुपये किलो तक पहुंच गई है। कॉटन धागे में भी 10 रुपये प्रति किलो के हिसाब सेबढ़ोतरी हुई है। इसका कालीन, वॉल हैंगिंग, सिल्क के ड्रेस मैटेरियल, स्टोल आदि के निर्यात पर अच्छा- खासा प्रभाव पड़ा है।
“अस्थाई प्रभाव मान कर चल रहे हैं। उम्मीद है कि जल्द हालात सामान्य होंगे। फिलहाल तो तीन महीने का मुनाफा गया”-अशोक गुप्ता, बनारस बीड्स के मालिक व प्रमुख निर्यातक

“पुराने निजी संबंधों के आधार पर सप्लाई की मियाद बढ़ाई जा रही है। बावजूद इसके नुकसान उठाने को विवश हैं”-अमिताभ सिंह, अध्यक्ष पूर्वांचल निर्यातक संघ
“कच्चे माल की कीमत और माल भाड़े में बढ़ोत्तरी से लागत निकालना भी मुश्किल हो चला है।”-जुनैद अंसारी, पूर्व अध्यक्ष, पूर्वांचल निर्यातक संघ

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