जो 2002 में उस होटल की छत पर चढ़कर 'तिब्बत को आजादी दो ,चीन वापस जाओ' के नारे लिखा बैनर लगा आया जिस होटल में चीन के वरिष्ठ नेता झु रोंजी रुके हुए थे ,2005 में भी उसने यही काम दोबारा किया और इंडियन इंस्टीटयूट आफ साइंस की 200 फीट ऊँचे टावर पर चढ़ गया जब वेन जियाबाओ भारत आये हुए थे। 2006 में जब चीनी राष्ट्रपति भारत आये तो तेनजिन को भारत की पुलिस ने धर्मशाला छोड़ने पर रोक लगा दी । तेनजिन चोएइंग के दोस्त कहते हैं कि उसने अपने भाई के इस संघर्ष और देश के प्रति समर्पण को देखा है ,उसे लगता है कि ऐसा करके ही वो अपने देश के प्रति अपने समर्पण को प्रदर्शित कर सकता है । पढ़िए तेनजिन तुसांदे की यह कविता -