वाराणसी. पहाड़ों व मध्य प्रदेश में हुई बारिश से गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी शुरू हो गयी है। केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार प्रति घंटे एक सेंटीमीटर की दर से गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है। यह बढ़ोतरी कुछ समय के लिए ही रहने की आशंका भी जतायी गयी है। यह भी पढ़े:-#DebateinCollege-लाखों का चुनाव पांच हजार में कैसे लड़े सरकार
IMAGE CREDIT: Patrika गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी होने से घाट के किनारे के मंदिरों में पानी पहुंच गया है जिसके चलते आधा से अधिक मंदिर डूब चुका है। गंगा का जलस्तर बढऩे का असर वरुणा नदी पर भी पड़ रहा है और वहां भी पानी में बढ़ोतरी शुरू हो गयी है। बनारस में सावन के समय ही गंगा में बढ़ोतरी शुरू हो जाताी है। गंगा में अधिक पानी आ जाता है तो सावन के बाद गंगा विकराल रुप धारण करती है लेकिन इस बार गंगा के जलस्तर में बहुत कम वृद्धि देखी गयी है। इसकी मुख्य वजह पहाड़ों पर कम बारिश होना है। केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार मध्य प्रदेश में हुई बारिश से गंगा की सहायक नदियों में वृद्धि हुई है जिसके चलते ही गंगा का जलस्तर बढ़ा है। गंगा का वाॢनंग लेबल 70 मीटर है जबकि खतरे का निशान 71 मीटर पर है। दोपहर में गंगा का जलस्तर 62.92 मीटर दर्ज किया गया था। यह भी पढ़े:-#patrikaUPnews-क्षत्रिय बाहुबली राजा भैया का फिर दिखा जलवा, अनुच्छेद 370 हटाने पर दिया यह बयान
मौसम में नहीं हुआ बड़ा परिवर्तन तो लोगों को मिल सकती है राहत मौसम में अगर बड़ा परिवर्तन नहीं होता है तो नदी किनारे रहने वालों को बाढ़ से राहत मिल सकती है यदि पहाड़ों पर झमाझम बारिश हो गयी तो फिर से गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ सकता है जिसका असर किनारे पर रहने वालों पर पड़ेगा। गंगा में बढ़े जलस्तर के बाद भी ओवरलाोड नाव चलायी जा रही है जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। यह भी पढ़े:-#patrikaUPnews-जम्मू कश्मीर में धारा 370 के प्रश्र पर जवाब देने से बचते नजर आये कृषि मंत्री
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