बतादें कि आस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में चल रहे राष्ट्रमंडल खेलों के चौथे दिन बनारस की बेटी ने अपना दम दिखाते हुए 69 किलोवर्ग भार स्पर्धा में भारत को पांचवां गोल्ड मेडल दिलाया था। पूनम यादव वाराणसी के दादूपुर गांव की रहने वाली हैं।
इस खबर के बाद से ही पूनम यादव की चर्चा पूरे देश में होने लगी थी। इतना ही नहीं पूनम को गोल्ड हासिल करते ही पूरे देश में उन्हे बधाईयां देने वालों की बाढ़ सी आ गई थी। भारत के राषट्रपति
रामनाथ कोविंद ने भी पूनम को बधाई देते हुए ट्वीट किय़ा था ‘भारोत्तोलन प्रतियोगिता के 69 किलो वर्ग में पूनम यादव को स्वर्ण पदक। उन्हें बहुत बधाई..हमारे भारोत्तोलकों ने अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखा है’।
इतना ही नहीं पूनम के शानदार प्रदर्शन से देश की सीना गर्व से चौड़ा हो गया। अब सीएम के इस प्रस्ताव पर पूनम क्या फैसला लेंगी ये जल्द ही सामने आ जायेगा। हालंकि फिलहाल पूनम यादव पूर्वोत्तर रेलवे में कार्यरत हैं और वर्तमान समय में वो एसियाड की तैयारी कर रही है।
यूपी सरकार ने दिया था पचास लाख का इनाम पूनम ने जैसे ही गोल्ड जीतकर देश का मान बढ़ाया तो बनारस की इस बेटी को यूपी के सीएम ने 50 लाख रूपये के पुरस्कार देने का ऐलान किया था। साथ ही सीएम ने यूपी सरकार में पूनम को नौकरी देने की घोषणा की थी।
कभी मिठाई बांटने तक के नहीं थे पैसे कहते ही की इंसान के भीतर अगर मेहनत करने की आग हो तो इसके दिन बदलने में देर नहीं लगते हैं। परिवार वालों को वो पल आज भी याद है कि जब बेटी के इस सपने पूरे करने के लिए उन्हे भूखा तक रहना पड़ता था। बेटी के खेलने पर लोग ताने देते थे। लोग खिल्लियां उड़ाया करते थे। लेकिन मेहनत रंग लाई आज वही लोग सम्मान कि नजर से देखते हैं। घर वालों के लिए एक समय वो भी था जब पूनम ने 2014 ग्लासगो में कॉमनवेल्थ गेम्स में बेटी ने ब्रॉन्ज मेडल जीता तो उनके पास लोगों मिठाई खरीदने तक के पैसे नहीं थे। आज उसी पूनम को यूपी के सीएम डीएसपी बनाने का प्रस्ताव दे रहे हैं।