रविवार होने के कारण अधिक होगा महत्व
करवाचौथ पर रोहिणी नक्षत्र का संयोग होना अपने आप में एक अद्भुत योग है। रविवार होने से इसका महत्व और बढ़ गया है। चंद्रमा में रोहिणी का योग होने से मार्कण्डेय और सत्यभामा योग बन रहा है। यह योग चंद्रमा की 27 पत्नियों में सबसे प्रिय पत्नी रोहिणी के साथ होने से बन रहा है। पति के लिए व्रत रखने वाली सुहागिनों के लिए यह बेहद फलदायी होगा। ऐसा योग भगवान श्रीकृष्ण और सत्यभामा के मिलन के समय भी बना था।
करवा चौथ व्रत की तारीख- 17 अक्टूबर 2019, बृहस्पतिवार
करवा चौथ व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त: 17.46 बजे
(समय अवधि – 1 घंटे 16 मिनट)
करवा चौथ के दिन चन्द्रोदय- 20.20 बजे
चतुर्थी तिथि आरंभ- 06.48 बजे से (17.10.19)
चतुर्थी तिथि खत्म- 07.28 बजे तक (18.10.19)