बनारस में 21 से तीन दिवसीय प्रवासी सम्मेलन का आयोजन होना है जिसकी तैयारियों की समीक्षा के लिए ही केन्द्रीय पर्यटन राज्यमंत्री केजे अल्फ्रेंस बनारस आये हैं। सारनाथ में चल रहे विकास कार्यों का निरीक्षण करने के बाद मंत्री ने स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों पर नाराजगी जतायी। उन्होंने मीडिया से कहा कि मैं दिल्ली से चल कर यहां पर आ सकता है लेकिन स्थानीय अधिकारी यहां पर नहीं आये। छह माह पहले यहां पर आया था और कई काम करने को कहा था लेकिन छोटे-छोटे काम भी नहीं हुए। जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली से निराश केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि दुनिया में बौद्ध लोगों की संख्या बहुत अधिक है। सारनाथ में खुद भगवान बुद्ध ने पहले उपदेश दिया था। यदि हम पर्यटन व श्रद्धा स्थलों पर पर्यटकों को आधारभूत सुविधाएं देंगे तो यहां का पर्यटन बढ़ जायेगा। उन्होंने कहा कि बुद्ध धर्म मानने वालों की १० प्रतिशत आबादी भी यहां पर आयेगी तो जगह की तस्वीर बदल जायेगी। उन्होंने कहा कि शहर के पर्यटन को चमकाने के लिए हम सभी मदद करने को तैयार नहीं है लेकिन काम होगा तभी उसका फायदा मिलेगा।
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70 साल से अधिक हुआ है पिछले चार साल में काम
केन्द्रीय पर्यटन राज्यमंत्री केजे अल्फ्रेंस ने कहा कि देश में पिछले 70 साल में जितना काम नहीं हुआ है उतना काम चार साल में हमारी सरकार ने करके दिखा दिया है। करोड़ों घरों तक शौचालय बनाये गये हैं, सभी को बिजली का कनेक्शन मिल गया है। बनारस की सफाई व्यवस्था के प्रश्र पर कहा कि पहले से बहुत सुधार हुआ है। प्रवासी सम्मेलन से पहले शहर तैयार हो जायेगा और हम लोग बेहद सफल आयोजन करेंगे।
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केन्द्रीय पर्यटन राज्यमंत्री केजे अल्फ्रेंस ने कहा कि देश में पिछले 70 साल में जितना काम नहीं हुआ है उतना काम चार साल में हमारी सरकार ने करके दिखा दिया है। करोड़ों घरों तक शौचालय बनाये गये हैं, सभी को बिजली का कनेक्शन मिल गया है। बनारस की सफाई व्यवस्था के प्रश्र पर कहा कि पहले से बहुत सुधार हुआ है। प्रवासी सम्मेलन से पहले शहर तैयार हो जायेगा और हम लोग बेहद सफल आयोजन करेंगे।
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