वाराणसीPublished: Aug 20, 2021 09:10:23 am
रफतउद्दीन फरीद
Muharram 2021: इमाम हुसैन (Imam Husain) के गम में मातम करने के साथ ही मर्सिया (Marsiya) और नौहा (Noha) पढ़ा जाता है इनमें इमाम हुसैन की शहादत और कर्बला (Karbala) की घटना का वर्णन होता है।
वाराणसी. Muharram 2021: 10वीं मुहर्रम यानि आशूरा (Ashura) के दिन ही हजरत इमाम हुसैन (Imam Husain) की कर्बला में शहादत हुई थी। इमाम हुसैन के साथ उनके 72 साथियों को भी शहीद कर दिया गया था। मुहर्रम के दौरान मुस्लिम नौहा और मर्सिया पढ़ते हैं जिनमें इमाम हुसैन की शहादत और कर्बला के वाकये (घटना) का बयान होता है। नौहा और मर्सिया शिया समुदाय (Shia Community) के लोग मातम के साथ पढ़ते हैं।