जरायम की दुनिया में बाहुबली मुख्तार अंसारी व बृजेश सिंह की अदावत किसी ेसे छिपी नहीं थी। कृष्णानंद राय को बृजेश खेमे का माना जाता था। गाजीपुर के उसरा चट्टी में बाहुबली मुख्तार अंसारी के काफिले पर गोली चली थी इसके बाद मुख्तार अंसारी व कृष्णानंद राय की बीच सीधी अदावत हो गयी थी। दुश्मनों के खतरे से बचने के लिए बीजेपी विधायक हमेशा बुलेटप्रूफ वाहन से चलते थे, लेकिन 29 नवम्बर 2005 को भांवरकोल ब्लाक के सियाड़ी गांव में एक क्रिकेट प्रतियोगिता का उद्घाटन करने बीजेपी विधायक अपने छह सहयोगी के साथ जा रहे थे कि बीजेपी कोटवा माग्र के पास पहुंचा था कि कुछ बदमाशों ने एक-४७ एंव अन्य स्वचालित हथियारों से बस्ट फायरिंग कर दी थी। करीब ४०० राउंड गोलियां चलायी गयी थी। एक साथ इतनी अधिक असलहों से फायरिंग की गयी थी कि बीजेपी विधायक व उनके लोगों को जवाब देने का भी मौका नहीं मिल पाया था। मौके पर ही बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय समेत छह लोगों की मौत हो गयी थी। इस जघन्य हत्याकांड में बाहुबली मुख्तार अंसारी, सुपारी किंग मुन्ना बजरंगी, संजीव माहेश्वरी, एजाजुल हक, अफजाल अंसारी, रामु मल्लाह आदि लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ था। कृष्णानंद राय की हत्या के बाद पूर्वांचल सुलग उठा था गाजपुर में जमकर बवाल हुआ था। बनारस में भी गुस्से की आग सुलगने लगी थी उस समय बनारस के तत्कालीन एसएसपी नवनीत सिकेरा थे, जिन्होंने शहर के माहौल बिगडऩे से बचा लिया था।
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बीजेपी विधायक की अंतिम यात्रा में शामिल हुए हजारों लोग, पांच किलोमीटर लंबा काफिला देख कर हुए थे दंग
कृष्णानंद राय की हत्या के घंटों बाद पुलिस किसी तरह समर्थकों को शांत कर शव का पोस्टमार्टम करा पायी थी। इसके बाद गाजीपुर से कृष्णानंद राय की अंतिम यात्रा निकाली गयी थी। शवयात्रा के साथ समर्थकों का पांच किलोमीटर लंबा काफिला चल रहा था जिसे देख कर लोग दंग रह गये थे। समर्थकों का हुजूम जहां से गुजरता था लोग काफिले में शामिल वाहन को गिन नहीं पाते थे। बीजेपी विधायक का अंतिम संस्कार बनारस के मर्णिकर्णिका घाट पर किया गया था। इसके बाद गाजीपुर के पूर्व सांसद मनोज सिन्हा की पहल पर कृष्णानंद राय की पत्नी अलका राय को बीजेपी ने टिकट दिया था और अलका राय चुनाव जीत कर विधानसभा भी पहुंची थी। मनोज सिन्हा व अलका राय ने आरोपियों को सजा दिलाने की लंबी लड़ाई लड़ी थी लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल पायी।
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कृष्णानंद राय की हत्या के घंटों बाद पुलिस किसी तरह समर्थकों को शांत कर शव का पोस्टमार्टम करा पायी थी। इसके बाद गाजीपुर से कृष्णानंद राय की अंतिम यात्रा निकाली गयी थी। शवयात्रा के साथ समर्थकों का पांच किलोमीटर लंबा काफिला चल रहा था जिसे देख कर लोग दंग रह गये थे। समर्थकों का हुजूम जहां से गुजरता था लोग काफिले में शामिल वाहन को गिन नहीं पाते थे। बीजेपी विधायक का अंतिम संस्कार बनारस के मर्णिकर्णिका घाट पर किया गया था। इसके बाद गाजीपुर के पूर्व सांसद मनोज सिन्हा की पहल पर कृष्णानंद राय की पत्नी अलका राय को बीजेपी ने टिकट दिया था और अलका राय चुनाव जीत कर विधानसभा भी पहुंची थी। मनोज सिन्हा व अलका राय ने आरोपियों को सजा दिलाने की लंबी लड़ाई लड़ी थी लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल पायी।
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