यह भी पढ़े:-ओमप्रकाश राजभर ने पहली बार उद्धव ठाकरे से हुई बात का खुलासा किया, बीजेपी की बढ़ जायेगी परेशानी
सपा, बसपा व कांग्रेस को भी लगा झटका
ओमप्रकाश राजभर ने रैली के जरिए एक तीर से दो शिकार किया है। भीड़ जुटा करा बीजेपी को अपनी ताकत दिखायी है और रैली में सपा, बसपा व कांग्रेस को प्रदेश को लूटने वाली पार्टी बताया है। अभी तक यह कयास लग रहे थे कि बीजेपी से गठबंधन टूटने के बाद ओमप्रकाश राजभर लोकसभा चुनाव 2019 में अखिलेश यादव व मायावती के साथ गठबंधन कर सकते हैं या फिर राहुल गांधी व प्रियंका गांधी से मिल कर कांग्रेस के साथ भी जा सकते हैं लेकिन रैली में जिस तरह से ओमप्रकाश राजभर ने सपा, बसपा व कांग्रेस को लेकर बयान दिया है उससे बीजेपी के विरोधी दलों को भी झटका लगा है।
यह भी पढ़े:-ओमप्रकाश राजभर का बड़ा बयान, पाकिस्तान का पानी बंद करके फिर एक साथ छोड़ कर दुश्मनों को मारे
ओमप्रकाश राजभर ने रैली के जरिए एक तीर से दो शिकार किया है। भीड़ जुटा करा बीजेपी को अपनी ताकत दिखायी है और रैली में सपा, बसपा व कांग्रेस को प्रदेश को लूटने वाली पार्टी बताया है। अभी तक यह कयास लग रहे थे कि बीजेपी से गठबंधन टूटने के बाद ओमप्रकाश राजभर लोकसभा चुनाव 2019 में अखिलेश यादव व मायावती के साथ गठबंधन कर सकते हैं या फिर राहुल गांधी व प्रियंका गांधी से मिल कर कांग्रेस के साथ भी जा सकते हैं लेकिन रैली में जिस तरह से ओमप्रकाश राजभर ने सपा, बसपा व कांग्रेस को लेकर बयान दिया है उससे बीजेपी के विरोधी दलों को भी झटका लगा है।
यह भी पढ़े:-ओमप्रकाश राजभर का बड़ा बयान, पाकिस्तान का पानी बंद करके फिर एक साथ छोड़ कर दुश्मनों को मारे
ओमप्रकाश राजभर के पास भी नहीं है अधिक विकल्प
ओमप्रकाश राजभर के पास भी अब अधिक विकल्प नहीं बचा है। सपा व बसपा गठबंधन हो जाने के बाद सीट ही नहीं बची है। यदि सुभासपा महागबंधन के साथ जाती है तो अधिकतम एक ही सीट मिल सकती है। कांग्रेस के साथ जाने पर भी कुछ ऐसी ही कहानी हो सकती है। यूपी में कांग्रेस कमजोर है इसलिए सुभासपा का कांग्रेस के साथ जाने पर पार्टी को अधिक फायदा नहीं होगा। बीजेपी के साथ गठबंधन तोडऩे पर ओमप्रकाश राजभर को कैबिनेट मंत्री पद भी छोडऩा होगा। ऐसे में ओमप्रकाश राजभर के पास भी अधिक विकल्प नहीं बचा है वह खुल चाहते हैं कि बीजेपी के साथ ही लोकसभा चुनाव लड़े। इसके चलते ही सुभासपा चेतावनी तो देती है लेकिन बीजेपी से गठबंधन नहीं तोड़ रही है।
यह भी पढ़े:-मायावती ने दिया शिवपाल यादव को बड़ा मौका, अखिलेश यादव को लगेगा सबसे बड़ा झटका
ओमप्रकाश राजभर के पास भी अब अधिक विकल्प नहीं बचा है। सपा व बसपा गठबंधन हो जाने के बाद सीट ही नहीं बची है। यदि सुभासपा महागबंधन के साथ जाती है तो अधिकतम एक ही सीट मिल सकती है। कांग्रेस के साथ जाने पर भी कुछ ऐसी ही कहानी हो सकती है। यूपी में कांग्रेस कमजोर है इसलिए सुभासपा का कांग्रेस के साथ जाने पर पार्टी को अधिक फायदा नहीं होगा। बीजेपी के साथ गठबंधन तोडऩे पर ओमप्रकाश राजभर को कैबिनेट मंत्री पद भी छोडऩा होगा। ऐसे में ओमप्रकाश राजभर के पास भी अधिक विकल्प नहीं बचा है वह खुल चाहते हैं कि बीजेपी के साथ ही लोकसभा चुनाव लड़े। इसके चलते ही सुभासपा चेतावनी तो देती है लेकिन बीजेपी से गठबंधन नहीं तोड़ रही है।
यह भी पढ़े:-मायावती ने दिया शिवपाल यादव को बड़ा मौका, अखिलेश यादव को लगेगा सबसे बड़ा झटका