वाराणसी

पीएम नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट पर शुरू होने वाला है काम, बदल जायेगी इस शहर की तस्वीर

प्रदेश सरकार की कैबिनेट ने प्रोजेक्ट को दी है अपनी मंजूरी, जानिए क्या है इस खास प्रोजेक्ट में

वाराणसीOct 03, 2019 / 12:11 pm

Devesh Singh

Kashi Vishwanath Dham

वाराणसी. पीएम नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट पर अब बहुत जल्द काम शुरू होने वाला है। सीएम योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट ने इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। प्रोजेक्ट के लिए 318.67 रुपये खर्च होंगे। कैबिनेट की स्वीकृति मिल जाने के बाद अक्टूबर से प्रोजेक्ट के लिए काम शुरू होगा। 18 माह में प्रोजेक्ट को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है इसके लिए लोक निर्माण विभाग की अलग यूनिट बनायी जायेगी। प्रोजेक्ट पर दिसम्बर पर काम शुरू होने की संभावना है।
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पीएम नरेन्द्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र बनारस में विकास के लिए हजारों करोड़ रुपये खर्च किये हैं। संासद बनने से पहले गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेन्द्र मोदी जब बनारस आये थे तो उन्होंने सबसे पहले काशी विश्वनाथ मंदिर में जाकर दर्शन किया था। उसी समय कहा था कि सोमनाथ से काशी विश्वनाथ आया हूं। बाद में जब देश के पीएम बने तो उन्होंने कहा था कि विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करते जाते समय लटकते हुए तार दिखे थे, जिसे अब हटाया जायेगा। इसके बाद बनारस के एक हिस्से के तार को भूमिगत किया गया। इसके बाद पीएम नरेन्द्र मोदी ने काशी विश्वनाथ मंदिर को सोमनाथ के तर्ज पर विकसित करने के लिए काशी विश्वनाथ कॉरीडोर को ड्रीम प्रोजेक्ट बनाया था और लोकसभा चुनाव 2019 की अधिूसचना जारी होने से पहले ही शिलान्यास किया था और कहा था कि वर्ष 2014 में केन्द्र सरकार बनने के बाद यूपी में बीजेपी सरकार होती तो इस प्रोजेक्ट को अभी तक पूरा कर लिया जाता। इसके बाद प्रोजेक्ट पर काम शुरू हुआ और अब निर्माण होने वाला है। पीएम मोदी के शिलान्यास करने के बाद इस प्रोजेक्ट का नाम काशी विश्वनाथ धाम रखा गया था।

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50 हजार वर्गमीटर में बनेगा काशी विश्वनाथ कॉरीडोर, बदल जायेगी शहर की तस्वीर
बनारस की पहचान काशी विश्वनाथ से है। अभी तक गलियो में काशी विश्वनाथ मंदिर था जिसके चलते यहां पर मंदिर को भव्य रुप नहीं दिया जा सकता था। पीएम मोदी की पहल पर प्रदेश सरकार ने मंदिर के आस-पास के क्षेत्र के महान को मुआवजा देकर अधिग्रहण किया था। हालांकि इसको लेकर कुछ राजनीति दलों व स्थानीय लोगों ने विरोध किया था उनका आरोप था कि शहर की पहचान मिटायी जा रही है। कुछ लोगों को विरोध काम नहीं आया और यहां पर ५० हजार वर्गमीटर के मकानों को सरकार ने हटा दिया है अब टेंडर जारी करके इस साल से निर्माण आरंभ कराने की तैयारी है। निर्माण पूरा होने के बाद गंगा व महाश्मशान से काशी विश्वनाथ कॉरीडोर सीधा जुड़ जायेगा। यहां पर बाबा से जुड़ी अनके चीजों का निर्माण होगा। एक बार काशी विश्वनाथ कॉरीडोर का निर्माण पूरा हो जाता है तो शहर की तस्वीर बदल जायेगी। देश व दुनिया से बाबा के दरबार में आने वाले भक्तों को दर्शन के दौरान सारी सुविधा मिलेगी। केन्द्र सरकार काशी विश्वनाथ कॉरीडोर को जल परिवहन से जोडऩे वाली है जिसके बाद धर्म नगरी बनारस में पर्यटन उद्योग को सबसे अधिक लाभ मिलेगा।
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