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यूपी चुनाव 2017 में पीएम नरेन्द्र मोदी तीन दिन बनारस में रुकते हुए पूर्वांचल की 100 से अधिक सीटों पर अपने प्रत्याशी को जिताने में कामयाब हुए थे। बीजेपी लोकसभा चुनाव 2019 में इसी रणनीति को दोहरना चाहती है। बीजेपी के लिए सातवें चरण का चुनाव प्रतिष्ठा का बन चुका है। सभी सीटों पर बीजेपी का ही कब्जा है। जबकि इन सीटों पर बीजेपी प्रत्याशियों को पटखनी देने के लिए अखिलेश यादव, मायावती के साथ राहुल गांधी व प्रियंका गांधी ने भी अपनी ताकत लगायी है ऐसे में बीजेपी चाहती है कि पीएम नरेन्द्र मोदी बनारस में तीन दिनों तक रुके और पूर्वांचल के समीकरणों को साधे।
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लोकसभा चुनाव 2019 का परिणाम बीजेपी के विधायक व मंत्रियों का भविष्य भी तय करेगा। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने सभी मंत्री व विधायकों को बूथवार लक्ष्य दिया है। चुनाव के बाद इसकी समीक्षा होगी कि किस नेता व मंत्री के क्षेत्र से बीजेपी प्रत्याशी को बूथवार कितना मत मिला है। बनारस की बात की जाये तो यहां पर आठ सीट में से छह विधायक बीजेपी के हैं जबकि एक विधायक बीजेपी के सहयोगी दल ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा व दूसरे अपना दल के हैं। बनारस में बीजेपी विधायक, मंत्री से लेकर नेताओं की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है किसी सभा में यह माननीय भीड़ जुटाने में नाकामयाब साबित हो रहे हैं। पीएम नरेन्द्र मोदी ने बनारस सीट से ऐतिहासिक जीत पाने की योजना बनायी है जिसमे बीजेपी विधायक, मंत्री व नेताओं की उपयोगिता की भी परीक्षा होगी।
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