सोनभद्र नरसंहार- 26 घंटे के बाद प्रियंका गांधी का धरना खत्म, पोछें पीड़ितों के आंसू
-सोनभद्र नरसंहार पीड़ितों से मिलने जाने की जिद पर अड़ीं प्रियंका का दिखा असर-सरकार झुकी, सभी मृतक आश्रितों को दिया गया 5-5 लाख रुपये का चेक- चुनार किले में ही पीड़ित परिवार के लोगों से मिलने के बाद प्रियंका ने खत्म किया धरना-काशी के कोतवाल काल भैरव और बाबा विश्वनाथ का किया दर्शन-पूजन-बनारस में बोलीं प्रियंका, संघर्ष जारी रहेगा
वाराणसी/ मिर्जापुर. सोनभद्र के घोरावल के मूर्तियां गांव में जमीनी विवाद में ग्राम प्रधान और ग्रामीणों के बीच हुई हिंसक झड़प में गोली लगने से हुई एक पक्ष के 9 लोगों की मौत और कइयों के गंभीर रूप से घायल होने के बाद पूर्वाचल में शुरू हाईप्रोफाइल ड्रामा फिलहाल थम गया है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने शनिवार की दोपहर करीब दो बजे अपना 26 घंटे पुराना धरना समाप्त कर दिया। इसके बाद वह बनारस पहुंची और काशी के कोतवाल कालभैरव तथा काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन किया। इसी बीच उन्हें दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के निधन की सूचना मिली तो वह तत्काल दिल्ली के लिए रवाना हो गई हैं। बनारस में मीडिया से बातचीत में उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि फिलहाल तो मकसद पूरा हो गया है लेकिन संघर्ष जारी रहेगा। बताया कि काशी विश्वनाथ और काल भैरव से मैनें कुछ मांगा नहीं है बस उनका आभार जताया है।
इससे पूर्व जैसे ही सोनभद्र नरसंहार पीड़ितों को जैसे ही यह पता चला कि कांग्रेस महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी उनसे मिलने उनके गांव आना चाहती हैं, लेकिन शासन-प्रशासन उन्हें आने नहीं दे रहा तो वो खुद शनिवार की सुबह चुनार किला स्थित धरना स्थल पर पहुंच गए। हालांकि शुरूआत में मिर्जापुर प्रशासन ने उन्हें किले में जाने से रोक दिया जिस पर प्रियंका ने प्रशासन के प्रति अपनी नाराजगी भी जताई। किसी तरह से पीड़ित परिवार के लोगों से उनकी मुलाकात हुई। पूरे घटनाक्रम की जानकारी हासिल करने के बाद प्रियंका ने प्रियंका ने सभी मृतक आश्रितों को कांग्रेस फंड से 10-10 लाख रुपये देने का वादा किया। साथ ही कहा कि नरसंहार में घायल लोगों को भी पार्टी आर्थिक मदद करने के साथ उन्हें विधिक सहायता भी प्रदान करेगी। उन्होंने ट्रस्ट की जमीन को आदिवासियों के बीच वितरित करने की बात भी कही। पीड़ितों से बातचीत के वक्त भावुक हो गई थीं।
चुनार में धरना समाप्त करने के बाद वह सीधे वाराणसी पहुंचीं। यहां पहले काशी के कोतवाल कालभैरव का दर्शन-पूजन किया। फिर पहुंचीं बाबा विश्वनाथ धाम और 3:40 से 3:53 तक दर्शऩ-पूजन किया। बाबा के दर्शन के बाद उन्होंने मिडिया से कहा, संघर्ष जारी रहेगा। भगवान से मैने कुछ मांगा नहीं है, मैं उनका आभार जताने आई थी। इसके तत्काल बाद वह दिल्ली के लिए रवाना हो गईं।
प्रियंका गांधी के 26 घंटे तक चले धरने के दौरान उत्तर प्रदेश विधानमंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू, वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ 2014 व 2019 में कांग्रेस से चुनाव लड़ने वाले पिंडरा के पूर्व विधायक अजय राय, मड़िहान, मिर्जापुर के पूर्व विधायक ललितेशपति त्रिपाठी, यूथ कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राघवेंद्र चौबे मौजूद रहे। इस बीच बनारस से अनिल श्रीवास्तव अन्नू, डॉ जितेंद्र सेठ आदि भी चुनार पहुंच गए थे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री राजबब्बर, जितिन प्रसाद, आरपीएन सिंह, मुकुल वासनिक, राजीव शुक्ला, दीपेंद्र हुड्डा, प्रजा नाथ शर्मा, देवेन्द्र सिंह, विनोद सिंह, राकेश पाठक, अशोक सिंह, ओम् प्रकाश ओझा भी शनिवार को बनारस से चुनार जाना चाह रहे थे लेकिन वाराणसी पुलिस ने उन सभी को एयरपोर्ट पर ही हिरासत में ले लिया।
प्रियंका गांधी के 26 घंटे के धरने का असर यह रहा कि प्रदेश सरकार हरकत में आई और आनन-फानन में सोनभद्र पहुंचकर मृतक आश्रितों को 5-5 लाख रुपये का चेक प्रदान कर दिया। हालांकि इस दौरान सरकारी नुमाइंदों से ग्रामवासियों ने साफ किया कि वो जान दे देंगे पर अपनी जमीन किसी कीमत पर नहीं देंगे