स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने मीडिया को बताया कि रामराज्य परिषद के प्रत्याशी का पर्चा खारिज कर दिया गया है, लेकिन इसके बारे में अधिकारी कुछ स्पष्ट भी नहीं कर रहे कि पर्चा क्यों खारिज किया गया। उन्होंने इसके लिए सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहराया। कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बनारस में जबरदस्त विरोध है। उन्होंने कोई वादा पूरा नहं किया। सैकड़ों मंदिर तोड़वाए, गंगा की सफाई का काम तो दूर, गंगा और मैली हुईं। गंगा को लेकर प्रधानमंत्री ने कई ऐसे काम किए जो धर्म विरुद्ध है। ऐसे में उनका काफी विरोध है। लिहाजा वह चाहते ही नहीं कि उनके विरुद्ध कोई चुनाव लड़ सके, क्योंकि कोई चुनाव लड़ेगा तो उन मुद्दों को उठाएगा जिसका जवाब उनके पास नहीं है लिहाजा वह किसी को चुनाव ही नहीं लड़ने देना चाह रहे है।
एक सवाल के जवाब में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि न अधिकारी स्वयं कुछ बता रहे हैं न ये पुलिस वाले हमें अधिकारियों से मिलने दे रहे हैं। ऐसे में कैसे हो स्पष्टीकरण। बताया कि निर्वाचन कार्य में लगे अधिकारियों ने जो-जो कहा था उसे पूरा किया गया है। फिर भी पर्चा खारिज कर दिया गया। ऐसे में हमारे पास और क्या चारा है, हम यहां पहुंचें हैं, यहीं सड़क पर बैठे हैं।
उधर निर्वाचन प्रक्रिया में जुटे अफसरों के अनुसार डॉ भगवान पाठक का नामांकन प्रपत्र पूर्ण न होने के चलते खारिज किया गया है।
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