क्रांति फाउंडेशन चलाने वाले वाराणसी के इंजीनियर राहुल कुमार सिंह के साथ भी ऐसा ही हुआ। उनके पास एक लिंक आया जिसमें उनका केवाइसी अपडेट न होने की बात कहते हुए उन्हें खाता व एटीएम ब्लाॅक हो जाने के लिये अलर्ट किया गया। उन्होंने जब लिंक पर क्लिक किया तो एसबइआई का एक फर्जी वेबपेज खुल गया, जिसपर बाकायदा बैंक का लोगाे बना हुआ था। वहां यूजर आईडी और पासवर्ड भरना था। उसे भरते ही एक नया पेज खुल गया जिसपर अकाउंट होल्डर का नाम, डेट ऑफ बर्थ, पैनकार्ड नंबर, फोन नंबर व ईमेल की जानकारी भरनी थी। सारी जानकारियां देने के बाद फिर नया वेबपेज खुला जिसपर एटीएम कार्ड का नंबर और उसका सीक्रेट सीवीवी नंबर से जुड़ी जानकारी भरनी थी।
राहुल सिंह ने बताया कि आगे की जानकारी देने के पहले वो रुक गए और तत्काल एबीआई ग्राहक सेवा केन्द्र में फोन कर इस विषय में पूछा। बैंक ने साफ इनकार कर दिया कि इस तरह की कोई जानकारी बैंक की ओर से नहीं मांगी जाती है। बैंक द्वारा बताया गया कि केवाईसी अपडेट न होने पर खाताधारकों को सीधे अपने बैंक की ब्रांच में सम्पर्क करना चाहिये। राहुल सिंह ने बताया कि उन्हाेंने लिंक पर क्लिक करने के बाद खुलने वाले सभी वेबपेज का स्क्रीन शाॅट लेकर उसे भारत सरकार के साइबर सेल को भेज दिया।
बताते चलें कि कोई भी बैंक अपने ग्राहक से फोन पर उसके बैंक के डिटेल या केवाइसी से संबंधित जानकारी न मांगता है और न ही उसे ऐसा कोई फोन या मैसेज आने पर देने के लिये कहता है।
@RBI कहता है.. सतर्क रहें! KYC अपडेशन, कार्ड की जानकारी, PIN या OTP के लिए किए गए मेसेज, कॉल या लिंक से सावधान रहें!
आरबीआई अपने ग्राहकों को संभावित साइबर फ्राॅड से बचने के लिये जागरूक करता रहता है और बैंकिंग से संबंधी जरूरी नियमों से भी आगाह करता रहता है।