अखिलेश यादव व मायावती ने गठबंधन के बाद सीटों का बंटवारा कर लिया है। सपा के खाते में वाराणसी संसदीय सीट आयी है जहां से पीएम नरेन्द्र मोदी सांसद है और बीजेपी ने इसी सीट से फिर से पीएम मोदी को चुनाव लड़ाने की तैयारी की है। पहले इस बात की चर्चा थी कि वाराणसी सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी को गठबंधन का समर्थन मिल सकता था लेकिन बसपा सुप्रीमो मायावती के बयान के बाद साफ हो गया है कि महागठबंधन में कांग्रेस शामिल नहीं होगी। ऐसे में पीएम नरेन्द्र मोदी को घेरने के लिए कांगे्रस व सपा अपने-अपने प्रत्याशी उतारेगी। सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने साफ कर दिया है कि बनारस से सपा किसी दमदार प्रत्याशी को लोकसभा चुनाव का टिकट देगी।
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वाराणसी संसदीय सीट पर नहीं खुला है सपा का खाता
वाराणसी संसदीय सीट पर सपा का खाता नहीं खुला है। जिले की विधानसभा सीटों पर सपा प्रत्याशी को जीत मिलती रही है लेकिन संसदीय चुनाव में इस सीट पर सपा प्रत्याशी अभी तक चुनाव नहीं जीत पाया है। पिछले कुछ चुनाव की बात की जाये तो इस सीट पर बीजेपी के बाद कांग्रेस को ही जीत मिली है। वाराणसी संसदीय सीट को बीजेपी को गढ़ माना जाता है इसके चलते ही गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेन्द्र मोदी को इसी सीट से चुनाव लड़ाया गया था और आगे भी चुनाव लड़ाने की तैयारी है।
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वाराणसी संसदीय सीट पर सपा का खाता नहीं खुला है। जिले की विधानसभा सीटों पर सपा प्रत्याशी को जीत मिलती रही है लेकिन संसदीय चुनाव में इस सीट पर सपा प्रत्याशी अभी तक चुनाव नहीं जीत पाया है। पिछले कुछ चुनाव की बात की जाये तो इस सीट पर बीजेपी के बाद कांग्रेस को ही जीत मिली है। वाराणसी संसदीय सीट को बीजेपी को गढ़ माना जाता है इसके चलते ही गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेन्द्र मोदी को इसी सीट से चुनाव लड़ाया गया था और आगे भी चुनाव लड़ाने की तैयारी है।
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वर्ष 2014 संसदीय चुनाव में अरविंद केजरीवाल को मिली थी हार
गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेन्द्र मोदी को घेरने के लिए अरविंद केजरीवाल ने वाराणसी सीट से 2014 में संसदीय चुनाव लड़ा था। अरविंद केजरीवाल ने जमकर मेहनत की थी इसके बाद भी लाखों वोटों से हार गये थे। इसके बाद आप पार्टी ने इस संसदीय सीट से चुनावी दूरी बना ली है। सपा की तरह बसपा का भी इस सीट पर चुनावी रिकॉर्ड खराब है लेकिन गठबंधन होने के बाद दोनों ही दलों ने ताकत बढऩे का दावा किया है। अब देखना है कि देश की सबसे हॉट सीट मानी जा रही बनारस से कौन दल चुनाव जीतता है इस पर देश भर की निगाहे लगी है।
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गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेन्द्र मोदी को घेरने के लिए अरविंद केजरीवाल ने वाराणसी सीट से 2014 में संसदीय चुनाव लड़ा था। अरविंद केजरीवाल ने जमकर मेहनत की थी इसके बाद भी लाखों वोटों से हार गये थे। इसके बाद आप पार्टी ने इस संसदीय सीट से चुनावी दूरी बना ली है। सपा की तरह बसपा का भी इस सीट पर चुनावी रिकॉर्ड खराब है लेकिन गठबंधन होने के बाद दोनों ही दलों ने ताकत बढऩे का दावा किया है। अब देखना है कि देश की सबसे हॉट सीट मानी जा रही बनारस से कौन दल चुनाव जीतता है इस पर देश भर की निगाहे लगी है।
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