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मिनी सदन में संख्या बल काम आता है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने बीजेपी प्रत्याशियों को विजयी कराने के लिए जमकर चुनावी सभा की है। सीएम योगी ने खुद सभा में कहा था कि मिनी सदन में बीजेपी के सभासदों का बहुमत नहीं था इसलिए विकास कार्य करने में दिक्कत आयी थी। सीएम के बयान से साफ समझा जा सकता है कि मिनी सदन में सभाासदों की संख्या कितनी काम आती है।
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निकाय चुनाव 2012 की बात की जाये तो बनारस नगर निगम की 90 सीटों में से सपा को 38 पर विजय हासिल हुई थी। बीजेपी को 22 सीट मिली थी । बसपा समर्थित 1 सभासद, कांग्रेस को 19, निर्दलीय 8 व कौमी एकता दल का एक पार्षद था।
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मिनी सदन में मेयर व पार्षद बहुत काम आते हैं। पूर्व में हुए चुनाव में बीजेपी प्रत्याशियों को मेयर पद पर जीत मिली थी, लेकिन पार्षद की संख्या कम थी। सपा अपने पुराने रिकॉर्ड को बचाते हुए अधिक संख्या में पार्षद को जिताती है तो भी मेयर पद की पार्टी को जरूरत होगी। यही कहानी बसपा, कांग्रेस व बीजेपी के साथ भी है।
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