कमिश्नरी परिसर में झंडोत्तोलन के बाद चंदा बानों ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मैं बहुत खुशनसीब हूं, हमने सपने में भी कभी नहीं सोचा था कि इस तरीके से झंडारोहण करेंगे। चंदा का कहना था कि मैं जिस माहौल में पली-बढ़ी हूं। वहां की कोई ऐसी लड़की नहीं होगी जो आगे बढ़ी हो। आज हमें जो सम्मान मिला है, उससे मैं बहुत गौर्वान्वित महसूस कर रही हूं। वैसे चंदा के चेहरे से भी साफ तौर पर खुशी और गर्व का भाव झलक रहा था।
कमिश्नर दीपक अग्रवाल का कहना है कि सफाई कर्मी चंदा को खाली हमने सम्मानित नहीं किया बल्कि पूरे समाज और काशी की जनता ने सम्मानित किया है। हमें चंदा को सम्मानित करते हुए काफी गौरवान्वित महसूस हुआ है, क्योंकि अक्सर हम लोग गंदगी करते वक्त यह भूल जाते हैं कि गंदगी को साफ करने वाला व्यक्ति कठिन मेहनत करके हमारी गंदगी को साफ करता है। वास्तव में देखा जाए तो कचरा वाले हम लोग हैं जो गंदगी पैदा करते हैं।
उन्होंने कहा कि सफाईकर्मी समाज के बीच में स्वच्छता के सबसे बड़े दूत हैं। इनके परिश्रम से स्वच्छ वातावरण का निर्माण हो पाता है। लिहाजा, उनकी मेहनत को सम्मान देने के लिए निर्णय लिया गया कि इस बार सबसे बेहतर कार्य करने वाली महिला सफाईकर्मी मुख्य अतिथि के तौर पर झंडारोहण करवाया गया। बताया कि नगर निगम से सबसे अच्छा कार्य करने वाले छह सफाईकर्मियों की सूची मांगी गई थी। इसमें बेस्ट महिला सफाईकर्मी के रूप में चंदा बानो का चयन किया गया। अन्य सफाईकर्मियों को भी सम्मानित किया गया।