संकट मोचन मंदिर के महंत प्रो मिश्र को सोमवार की रात ही एक पत्र मिला जिसमें मंदिर को उड़ाने की धमकी दी गई थी। पत्र में कहा गया था कि 2006 से बडा धमका करेंगे। पत्र लिखने वाले ने खुद के बारे में भी बहुत कुछ बताया है। यह भी बताया है कि उसके पास कौन-कौन से असलहे हैं। पत्र दो लोगों ने भेजा है। कहा है इसे हल्के में कतई न लें।
पत्र मिलने के बाद प्रो मिश्र ने प्रो. मिश्र ने केंद्रीय गृह मंत्रालय, आईबी और एडीजी जोन को इसकी जानकारी दी। चिट्ठी में दर्ज दोनों नाम के आधार पर केस दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर की। इंस्पेक्टर भारत भूषण तिवारी ने बताया कि प्रकरण सामने आने के बाद सतर्कता बरती जा रही है। जल्द मामले का राजफाश कर लिया जाएगा।
इस धमकी भरे पत्र के बाद मंदिर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पीएसी के जवानों के साथ ही सादे वेष में सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। बताया जा रहा है कि यह पत्र सोमवार की रात ही मिला था लेकिन हनुमान भक्तों में किसी तरह का पैनिक न हो इसके तहत पूरी सतर्कता बरती गई। यही वजह रही कि मंदिर में वर्दी धारी सुरक्षाकर्मियों की बजाय सादे वेष में ही सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे। वैसे भी मंगलवार और शनिवार को मंदिर में अतिरिक्त सुरक्षा रहती है ऐसे में आम दर्शनार्थियों के बीच इस तरह का कोई संदेश नहीं गया लेकिन प्रशासनिक स्तर पर पूरे एहतियात बरते गए।
बता दें कि 07 मार्च 2006 में संकट मोचन मंदिर और कैंट स्टेशन पर बड़ा विस्फोट किया गया था। उस दौरान 18 लोगों की जान गई थी। तब दिल्ली तक यह मैसेज गया था और रातो रात कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी बनारस आई थीं और कैंट स्टेशन के अलावा संकट मोचन मंदिर जा कर जायजा लिया था। नेताओं का बडा मजमा लगा था अगले दिन। यहां यह भी बता दें कि सात मार्च 2006 को मंगलवार था। इस बार सोमवार की रात में धमकी भरा पत्र महंत प्रो मिश्र के आवास पर भेजा गया।
यहां यह भी बता दें कि बनारस में अब तक 06 आतंकी विस्फोट हो चुके हैं। इसी के तहत 07 मार्च 2006 को संकटमोचन मंदिर व कैंट रेलवे स्टेशन पर सीरियल बम ब्लास्ट में 18 लोगों की जानें गई थी। अंतिम वारदात 7 दिसंबर 2010 को शीतला घाट पर हुई थी। 2006 के बाद 2010 में भी ब्लास्ट की कोशिश को पुलिस ने नाकाम किया था।