वाराणसी. भदोही का हादसा अभी लोगों के जेहन से उतरा भी नहीं था कि बनारस में दो छात्रों की मौत ने एक बार फिर पूर्वांचल के लापरवाह वाहन चालकों और परिवहन विभाग की सुस्ती की कलई खोल दिया।
दो परिवारों के लिए आजादी का जश्र मौत के मातम में बदल गया। तेज रफ्तार बस की चपेट में आने से सोमवार को दो छात्रों की दर्दनाक मौत हो गई। हादसे से क्षुब्ध ग्रामीणों ने चक्काजाम कर दिया। मौके पर आई पुलिस ने जब ग्रामीणों को बताया कि दुर्घटना करने वाली बस को मय चालक पकड़ लिया गया है तब गुस्सा शांत हुआ जाम समाप्त किए।
जानकारी के अनुसार चौबेपुर थाना क्षेत्र के रैपुरा गांव का 12 वर्षीय उत्तम और तडिय़ाडीह का नौ साल का शिवम और उत्तम का भाई रूपम स्कूल गए थे स्वतंत्रता दिवस पर स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने। स्कूल में आयोजन समाप्त होने के बाद तीनों दो साइकिल से घर लौट रहे थे। उमरहां पुलिया के समीप गाजीपुर की ओर से आ रही तेज रफ्तार बस ने बगल से धक्का मार दिया। रूपम तो छिटक कर सड़क पार गिरा लेकिन उत्तम व शिवम का शरीर बस की चपेट में आ गया और दोनों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई।
हादसे की खबर घर पहुंची तो कोहराम मच गया। दोनों मृत बच्चों की मां बेहोश हो गई और पिता लोग समझ नहीं पा रहे थे कि अब क्या। बार-बार खुद को कोस रहे थे कि अच्छा होता आज उन्हें स्कूल न भेजते।
गाजीपुर-वाराणसी मार्ग पर आए दिन सड़क हादसे में लोग असमय काल के गाल में समा जाते हैं। इस मार्ग पर पुलिस और परिवहन विभाग जांच-पड़ताल पर कम और वसूली पर अधिक ध्यान देते हैं। अधिकतर वाहनों की हालत ही खस्ता है लेकिन प्रशासन इस तरफ तनिक भी ध्यान नहीं देते।