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वाराणसी

यूपी बोर्डः समय से रिजल्ट दे पाने पर संशय, दूसरे दिन भी नहीं हो सका मूल्यांकन

शिक्षक आंदोलन से मूल्यांकन प्रभावित। कापियां जंचने में विलंब के चलते हो सकती है देरी। मूल्यांकन के बाद कंपनी को रिजल्ट तैयार करने में लगता है महीने भर का वक्त

वाराणसीMar 09, 2019 / 04:11 pm

Ajay Chaturvedi

Teacher movement

Teacher movement

वाराणसी. माध्यमिक शिक्षक संघ (चेतनारायण सिंह गुट) का आंदोलन शनिवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। जिले के तीन में से दो मूल्यांकन केंद्रों पर यूपी बोर्ड परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं को जांचने का काम पूरी तरह से प्रभावित हुआ। आंदोलित शिक्षक दोनों ही मूल्यांकन केंद्रों पर सुबह से धरने पर बैठ गए थे और उन्होंने मूल्यांकन को आने वाले शिक्षकों को प्रेरित कर कापी न जांचने के लिए राजी कर लिया। कम से कम सारनाथ स्थित महाबोधि इंटर कॉलेज में तो यही रहा जहां एक भी उत्तर पुस्तिका नहीं जांची जा सकी।
बता दें 08 मार्च से ही मूल्यांकन शुरू हुआ है। यहां यह भी बता दें कि बोर्ड की चाहत है कि अप्रैल के दूसरे सप्ताह तक इस बार यूपी बोर्ड का रिजल्ट घोषित कर दिया जाए। लेकिन अगर समय से मूल्यांकन ही पूरा नहीं होगा तो समय पर रिजल्ट दे पाना संभव नहीं है। कारण यह है कि भले ही बोर्ड मूल्यांकन के दौरान ही एवार्ड ब्लैंक (नंबरों की सूचिका) मंगा ले लेकिन रिजल्ट बनाने के लिए पूरे नंबर होने चाहिए। उसके बाद ही संपूर्ण नंबर रिजल्ट बनाने वाली कंपनी को भेजा जाता है। ऐसे में मूल्यांकन में जितना विलंब होगा रिजल्ट आऩे में उतनी ही देरी होगी। मूल्यांकन में विलंब तय है क्योंकि बकौल शिक्षक विधायक और संघ के प्रदेश अध्यक्ष चेतनारायण सिंह प्रदेश के 62 हजार 663 शिक्षकों ने तय किया है कि मांग पूरी होने तक मूल्यांकन नहीं होगा। न खुद कापी जांचेंगे न दूसरों को जांचने देंगे।
यहां यह भी बता दें कि सिर्फ बनारस में ही आठ लाख से ज्यादा उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन होना है। इसके लिए दो हजार 557 परीक्षक नियुक्त किए गए हैं। जिले में तीन राजकीय क्वींस इंटर कॉलेज, पीएन सिंह राजकीय इंटर कॉलेज और महाबोधि इंटर कॉलेज, सारनाथ को मूल्यांकन केंद्र बनाया गया है। इसमें दोनों राजकीय विद्यालयों पर हाईस्कूल और इंटर दोनों कक्षाओं की कापियों का मूल्यांकन होना है।
मूल्यांकन को प्रभावित करने के पीछे जहां शिक्षकों का आंदोलन है तो वहीं माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की परीक्षा भी है, यह परीक्षा भी आठ मार्च से ही शुरू हुई और 10 मार्च तक चलनी है। पीएन सिंह राजकीय इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य रामचंद्र यादव ने पत्रिका को बताया कि उनके यहां 10 मार्च तक आयोग की परीक्षा चलनी है, दोनों टाइम परीक्षा है जिसके चलते मूल्यांकन प्रभावित है। राजकीय क्वींस कॉलेज के प्रधानाचार्य राजेश यादव ने बताया कि एक तो परीक्षा दूजे शिक्षक आंदोलन दोनों के चलते मूल्यांकन प्रभावित है, हालांकि कुछ शिक्षक कापियां जांच रहे हैं। वहीं महाबोधि इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ वेनी माधव ने बताया कि शुक्रवार को तो आयोग की परीक्षा थी लेकिन शनिवार को सुबह से ही आंदोलित शिक्षक मुख्य द्वार पर ही धरने पर बैठ गए थे, उन लोगों ने किसी शिक्षक को केंद्र के भीतर आने ही नहीं दिया।
उधर शिक्षक संघ के प्रांतीय मीजिया प्रभारी अशोक श्रीवास्तव और जिले के मीडिया प्रभारी विवेक सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेशीय नेतृत्व के आह्वान पर 09 सूत्रीय मांगों के समर्थन में शनिवार को मूल्यांकन बंद के दूसरे दिन भी जिले के किसी मूल्यांकन केंद्र पर कापियां नहीं जांची गईं। राजकीय क्वींस इंटर कालेज पर जिलाध्यक्ष कमलेश सिंह और जिलामंत्री दिनेश सिंह के नेतृत्व में शिक्षकों ने कॉलेज के गेट पर दरी बिछा कर मूल्यांकन को पूर्ण रूपेण ठप्प कर दिया। क्वींस इंटर कालेज पर शिक्षकों का भी पूरा सहयोग मिला।
महाबोधि इंटर कालेज पर अशोक श्रीवास्तव व शिवमूरत यादव जी अध्यक्षता में सभी शिक्षको ने मूल्यांकन को पूरी तरह ठप्प किया। वहां भी सभी शिक्षक कॉलेज के मुख्य गेट पर बैठकर मूल्यांकन ठप करने की अपील करते रहे।
विवेक सिंह ने बताया कि इस आंदोलन में शिक्षकों का पूरा सहयोग मिल रहा है। दोनों केंद्रों पर धरना देने वालों में जे पी राय, अशोक श्रीवास्तव, शिवमूरत यादव, मिर्जा भाई, रामदुलार राय, राजीव सिंह, सत्येंद्र सिंह, रामप्रताप यादव, गोपाल राय, अरविंद राय, मुसर्रत इस्लाम, रजनीश पटेल, आशीष सिंह, काशी नाथ, जीवंचंद मौर्या, आलोक सोनकर, अजित सिंह आदि शामिल रहे।

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