शिक्षक नेता श्रीवास्तव ने बताया कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के 09 सूत्री मांगों के संदर्भ में 08 मार्च से मूल्यांकन बंद आंदोलन चलाया जा रहा था। पूरे प्रदेश में मूल्यांकन बंद आंदोलन पूर्ण रूपेण सफल रहा। आंदोलन के दबाव में प्रदेश संगठन के अध्यक्ष चेतनारायण सिंह को प्रतिनिधिमंडल के साथ दोपहर 02:00 बजे वार्ता के लिए आमंत्रित किया। वार्ता सकारात्मक हुई और कुछ मुद्दों पर सहमति बनी।
ये भी पढें- यूपी बोर्डः समय से रिजल्ट दे पाने पर संशय, दूसरे दिन भी नहीं हो सका मूल्यांकन इन मुद्दों पर हुआ समझौता 1-सरकार ने टेबल पर बताया कि वित्तविहीन की सेवा नियमावली तैयार है इसे शीघ्र ही जारी कर दिया जाएगा। वित्तविहीन शिक्षको को सरकार 15000 हजार रुपये प्रदान कराएगी।
2-पुरानी पेंशन योजना के बहाली के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन शीघ्र किया जायेगा। 3- राज्य कर्मचारियों की भांति शिक्षको को भी चिकित्सकीय सुविधा प्रदान की जाएगी। 4- तदर्थ शिक्षको के विनियमितीकरण में जो बाधा है उसे समाप्त किया जाएगा और जो भी तदर्थ शिक्षक जो कोषागार से वेतन प्राप्त कर रहे है उन्हें किसी भी दशा में हटाया नही जाएगा।
5-मूल्यांकन का पारिश्रमिक भी बढेगा। श्रीवास्तव ने पत्रिका को बताया कि सरकार के साथ हुए इस समझौते पर संगठन ने संतोष व्यक्त करते हुए मूल्यांकन बंद आंदोलन को वापस लेने की घोषणा की।
इस संबंध में जिला संगठन के अध्यक्ष कमलेश सिंह व जनपद मंत्री दिनेश सिंह सहित जे पी राय, अशोक श्रीवास्तव, शिवमूरत यादव, गोपाल राय, विवेक सिंह, अरविंद सिंह पटेल, राजीव सिंह, रजनीश पटेल, मिर्जा भाई, मुसर्रत इस्लाम, अरविंद राय, सत्येंद्र सिंह, रामप्रताप यादव ने संगठन के केंद्रीय नेतृत्व के साहसिक कदम और इस निर्णय का स्वागत किया। साथ ही मूल्यांकन बंद आंदोलन में सहयोग करने वाले जिले के सभी महिला-पुरुष शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त किया। साथ ही अनुरोध किया कि रविवार10 मार्च से पूरी तन्मयता के साथ उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य में जुट जाएं।