बनारस में अधितम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस से उपर पहुंच गया था। धूप इतनी तेज होने लगी थी कि दोपहर मेें सड़कों पर निकलना कठिन था। पश्चिम विक्षोभ के चलते मौसम में बदलाव की बयार 16 अप्रैल से बहने लगी थी। तेज हवा चलने के साथ आसमान में बादल छाये थे। बीती रात तक ही मौसम में तरावट आ गयी थी। बुधवार सुबह से मौसम में और अधिक परिवर्तन हुआ। सुबह बूंदाबांदी हुई और दोपहर में हल्की बारिश से मौसम में ठंडापन आ गया। मौसम में इतना अधिक बदलाव हुआ कि लोगों को विश्वास नहीं हो रहा था कि दो दिन पहले गर्मी ने बेहाल कर दिया था अब सिहरन महसूस हो रही है। आसमन में दिन भर बादल छाये हुए थे और बारिश होने की संभावना बनी हुई है। मौसम वैज्ञानिक की माने तो 18 अप्रैल से मौसम खुलने लगेगा। आसमान से बादल हटते ही एक फिर पारा चढऩे लगेगा। मौसम में हुए बदलाव से लोगों को फौरी राहत मिल गयी है।
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किसानों की बढ़ गयी दुश्वारियां, खेत में पड़ी है गेहूं की फसल
मौसम में बदलाव से सबसे अधिक नुकसान किसानों को हुआ है। किसानों से गेहूं की फसल को काटना शुरू कर दिया है और फसल काटने के बाद खेत में ही पड़ी है। बारिश के चलते खेत में पड़ी हुई फसल को नुकसान हुआ है जबकि तेज हवाओं के चलते खेत में खड़ी फसल गिर कर भींग गयी है जिससे किसानों को बहुत नुकसान हुआ है। बारिश से चने की फसल भी खराब हुई है। तेज हवाओं के चलते आम के बौर गिर गये हैं, जिससे आम की पैदावार प्रभावित होगी।
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मौसम में बदलाव से सबसे अधिक नुकसान किसानों को हुआ है। किसानों से गेहूं की फसल को काटना शुरू कर दिया है और फसल काटने के बाद खेत में ही पड़ी है। बारिश के चलते खेत में पड़ी हुई फसल को नुकसान हुआ है जबकि तेज हवाओं के चलते खेत में खड़ी फसल गिर कर भींग गयी है जिससे किसानों को बहुत नुकसान हुआ है। बारिश से चने की फसल भी खराब हुई है। तेज हवाओं के चलते आम के बौर गिर गये हैं, जिससे आम की पैदावार प्रभावित होगी।
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