रायपुर @ गुजराती समाज के सबसे बड़े तीर्थ क्षेत्र महाप्रभु वल्लभाचार्य की जन्मस्थली चम्पारण धाम में स्थित यमुना घाट पर चुनरी महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया। गुजराती समाज द्वारा विगत 19 वर्षों बाद श्रावण मास एवं अधिकमास एक साथ होने से यह आयोजन किया जा रहा है। श्रावण मास में शिवजी की पूजा, अभिषेक माता की आराधना एवं दान पुण्य का सर्वाधिक महत्व होता है। इसके अंतर्गत छत्तीसगढ़ लोहाणा महिला मंडल द्वारा चम्पारण स्थित त्रिवेणी संगम, जिसमें एक यमुना नदी भी शामिल है वहां पर 301 चुनरी (साड़ी) से यमुना नदी का श्रंगार किया गया। कार्यक्रम में सबसे पहले चम्पारण मंदिर सुबह भगवान के केसर स्नान एवं श्रृंगार के बाद रायपुर से लाई गई 30 चुनरी के 51-51 चुनरी के 6 बड़े-बड़े रोल बनाकर मंदिर में उसकी विधिवत पूजा की गई। इसके बाद बैंड बाजे के साथ मंदिर से यमुना घाट तक पूरे छतीसगढ़ से आए 500 से अधिक महिला एवं पुरुष भक्त पूरे उत्साह के साथ नाचते एवं गरबा खेलते हुए घाट पर पहुंचे। जहां मंदिर के प्रमुख मुखिया द्वारा नाव से नदी के बीच सभी चुनरियों को ले जाकर पुनः यमुना की पूजा कर उन चुनरियों से यमुना नदी के चारों तरफ़ श्रृंगार करना प्रारंभ किया गया। कार्यक्रम में राजधानी रायपुर सहित दुर्ग, भिलाई, राजनांदगांव, बिलासपुर, जगदलपुर सहित सभी शहरों से बड़ी संख्या में लोहाणा समाज की महिला मंडल की पूरी टीम इसकी साक्षी बनी। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ लोहाणा महिला मंडल की अध्यक्ष रेखा बैन रायचुरा (रायपुर) एवं सचिव पूनम बेन राजा (दुर्ग) ने बताया कि इस वृहद आयोजन में विभिन्न सेवाओं के लिए अलग अलग यजमान बनाये गये थे, जिनमे दो मुख्य यजमान क्रमशः वंदना बेन मिरानी (धमतरी) एवं भारती बेन पोपट (रायपुर) थे।