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जिला अस्पताल की तीन मंजिल और 250 पलंग कोरोना अस्पताल में तब्दील

कलेक्टर ने दिख्राईं अपनी तैयार, आधे से ज्यादा भवन में बना दिया कोरोना अस्पताल

विदिशाApr 02, 2020 / 07:25 pm

govind saxena

vidisha

जिला अस्पताल की तीन मंजिल और 250 पलंग कोरोना अस्पताल में तब्दील,जिला अस्पताल की तीन मंजिल और 250 पलंग कोरोना अस्पताल में तब्दील

विदिशा. कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरों के बीच प्रशासन ने भी अपनी तैयारी तेज कर दी है। सबसे खास स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में नए जिला अस्पताल के आधे से अधिक हिस्से को कोरोना अस्पताल में तब्दील कर दिया गया है। पूरी कमान खुद कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने संभाल रखी है। इस अस्पताल की दूसरी, तीसरी और चौथी मंजिल को कोरोना अस्पताल में तब्दील कर यहां मरीजों के लिए 250 पलंगों, ऑक्सीजन और आइसीयू का इंतजाम कर दिया गया है। कलेक्टर आश्वस्त हैं कि किसी भी विपरीत स्थिति से निपटने के लिए विदिशा जिला तैयार है। कलेक्टर डॉ जैन ने गुरूवार को मीडिया को अपनी तैयारियों से रूबरू कराया।
पीछे से होगी कोरोना मरीजों की एंट्री
कलेक्टर डॉ जैन ने बताया कि कोरोना मरीजों के संपर्क में अन्य मरीज या उनके परिजन न आएं, इसका पूरा ध्यान रखा गया है। इसलिए जिला अस्पताल के पीछे वाले हिस्से में बैसमेंंट से कोरोना मरीजों को प्रवेश मिलेगा। ये मरीज सीधे लिफ्ट के माध्यम से वार्ड में पहुंचेंगे। उन्हें लाने वाली विशेष 108 एम्बूलेंस को मरीज के उतरते ही सेनेटाइज कर रवाना कर दिया जाएगा।
5-5 फीट की दूरी पर 250 पलंग किए तैयार
डॉ जैन ने बताया कि जिला अस्पताल की दूसरी, तीसरी और चौथी मंजिल को कोरोना अस्पताल के रूप में तब्दील किया है। इनमें 5-5 फीट की दूरी पर 250 पलंग रखे गए हैं, जिनमें ऑक्सीजन, गद्दे आदि की पूरी व्यवस्था कर दी गई है। इनमें से 10 पलंग आइसीसीयू के भी शामिल हैं। लिफ्ट की व्यवस्था भी ऐसी की गई है कि कोरोना वार्डों से आने-जाने वाले मरीज सामान्य ओपीडी या अन्य किसी वार्ड में नहीं जा सकेेंगे। जिला अस्पताल का पहला मंजिल सामान्य मरीजों के लिए खुला रहेगा, लेकिन कोरोना अस्पताल के हिस्से से उसका कोई संपर्क नहीं रहेगा।
डॉक्टरों और स्टॉफ का भी होगा कोरेन्टाइन
कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने बताया कि यहां कोरोना के मरीजों को देखने और उनका उपचार करने के लिए चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टॉफ की टीमें गठित की गई हैं जो 7-7 दिन सेवाएं देंगीं। सात दिन सेवाएं देने के बाद उस टीम के डॉक्टर और स्टॉफ को 14 दिन के कोरेन्टाइन में रखने का इंतजाम किया गया है।
अस्पताल में रहेंगे तीसरी और चौथी स्टेज के मरीज
कलेक्टर डॉ जैन के अनुसार कोरोना के मरीजों को चार श्रेणियों में विभाजित किया जा रहा है-
श्रेणी 1- इस श्रेणी के मरीज वे होंगे जो किसी के संदिग्ध या पॉजीटिव के संपर्क में तो आए हैे, लेकिन उनमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं है। उनकी टेस्ट रिपोर्ट भी पॉजीटिव नहीं आई हो।
श्रेणी 2- इस श्रेणी में वे मरीज होंगे जिनकी टेस्ट रिपोर्ट में कोरोना की पुष्टि हुई हो, लेकिन फिर भी वे पूर्ण स्वस्थ हों। यानी कोई लक्षण या परेशानी उनमें नहीं हो।

श्रेणी 3- तीसरी श्रेणी के वे मरीज होंगे, जो पॉजीटिव होंगे और जिन्हें दवाओं से ही ठीक किया जा सकता है, लेकिन जो गंभीर की श्रेणी में नहीं हों।
श्रेणी 4- चौथी श्रेणी के मरीज कोरोना के पॉजीटिव होने के साथ ही गंभीर स्थिति में होंगे। इन मरीजों को ऑक्सीजन, आइसीसीयू अथवा वेंटीलेटर पर रखा जा सकता है।

बासौदा और सिरोंज में भी रखे जाएंगे मरीज
डॉ जैन ने बताया कि कोरोना के मूलत: चौथी श्रेणी के गंभीर मरीजों को जिला अस्पताल के कोरोना वार्डों में ही रखा जाएगा, लेकिन तीसरी श्रेणी के मरीजों को रखने का इंतजाम गंजबासौदा और सिरोंज में भी किया जा रहा है।
ये संक्रमण का थर्ड फेस, रोज जाएंगे 10 सैम्पल
कलेक्टर का मानना है कि यह कोरोना संक्रमण का थर्ड फेस है और जरूरी है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों की स्क्रीनिंग हो और सैम्पल जांच के लिए भेजे जाएं। गुरूवार को दस सैम्पल जांच के लिए भेजे गए हैं, अब रोजाना कम से कम 10 सैम्पल जांच के लिए भेजे जाएंगे।

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