योजना के तहत यहां सेमीनार हॉल बनाने के साथ ही गल्र्स हॉस्टल, 100 सीटर एक बड़ा कक्षा, 10 अन्य कक्ष, छह बड़ी प्रयोगशालाएं। एक कैंटींग आदि बनाई जाएंगीं। 7 हजार छात्राएं ले सकेंगीं प्रवेश
कॉलेज प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार अभी कॉलेज में छात्राओं की संख्या करीब 4 हजार 500 है। जबकि कक्षाएं लगाने के लिए कमरे 13 और सात प्रयोगशालाएं हैं। लेकिन नए 10 कमरों सहित छह नई प्रयोगशाला आदि बन जाने से कॉलेज में अधिकतम 7 हजार छात्राओं को प्रवेश दिया जा सकेगा। उसी हिसाब से यहां विकास कार्य किए जा रहे हैं।
इन 10 नए कमरों और छह लैब के बन जाने से कॉलेज में प्रत्येक विभाग की अलग-अलग विंग हो जाएगी। खासकर साइंस विंग। जिसके तहत सांइस की कक्षाएं, लैब सब एक तरफ होगा, तो कॉमर्स विंग और ऑर्टस विंग की कक्षाएं अलग लगेंगीं। 100 सीटर हॉस्टल बनने से बाहर से आने वाली छात्राओं को यहीं रुककर पढऩे के इंतजाम होंगे। वहीं जो १० नए कक्ष बनाए जाएंगे वह सभी 100-100 सीटर होंगे, जबकि वर्तमान कक्षों में करीब 80 छात्राएं ही बैठ सकती हैं।