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विदिशा

मंडी प्रशासन ने उठाया ये कदम, हो सकता है व्यापारियों को नुकसान

कृषि मंडी अनिश्चितकाल के लिए बंद

विदिशाSep 02, 2018 / 12:54 pm

वीरेंद्र शिल्पी

sabji mandi news seoni

विदिशा. अनाज मंडी शनिवार से अनिश्चितकाल के लिए बंद हो गई। यह नौबत हम्मालों द्वारा की जा रही 50 किलो की तौल कराने की मांग को लेकर बनी है। स्थिति को देखते हुए मंडी प्रशासन ने एक दिन पूर्व मंडी बंद के संकेत किसानों को दे दिया थे। इससे शनिवार को मंडी में सन्नाटा पसरा रहा। व्यापारियों का कहना है कि मंडी अधिक समय तक बंद रही तो किसान, मंडी व व्यापारियों सभी को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।

मालूम हो कि हम्माल युनियन 50-60 किलो से अधिक वजन न उठाने का निर्णय ले चुकी है। इस मांग को लेकर पहले भी युनियन कई बार आंदोलन कर चुकी। ज्ञापन दे चुकी लेकिन आश्वासन ही मिले। हम्माल युनियन ने कुछ दिन पूर्व जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा था। इसमें 1 सितंबर से 50- 60 किलो वजन न उठाने के निर्णय से प्रशासन को अवगत कराया गया था। इसके बाद भी हम्मालों की इस मांग पर कोई चर्चा नहीं हुई। नतीजतन हम्माल अपने निर्णय पर अडिग रहे। इससे शनिवार को समूचे मंडी परिसर में सन्नाटा पसरा रहा। अनाज न बिकने की स्थिति में किसान मंडी नहीं आए वहीं व्यापारी भी अनाज तिलहन कार्यालय व अपनी दुकानों पर बैठे रहे।

किसानों की बढ़ेगी आफत
अभी मंडी में आवक सीजन न होने के बाद भी करीब 50 से 100 किसान तक मंडी पहुंच रहे थे और करीब 2 हजार क्ंिवटल तक अनाज की आवक हो रही थी। किसानों का कहना है कि बारिश का यह समय किसानों के लिए इमरजेंसी वाला होता है। घरों में किसी के बीमार होने, फसल में दवा आदि खरीदने व घर में अचानक आए जरूरी कार्य के लिए राशि की जरूरत पडऩे पर किसान मंडी में अनाज बेंचने पहुंचता है, लेकिन ऐसी स्थिति के बीच मंडी बंद होने से किसान अनाज नहीं बेंच पाएगा जिससे उसकी परेशानी बढ़ जाएगी।

इधर व्यापारियों में भी चिंता
इधर व्यापारियों में भी इस हड़ताल को लेकर चिंता है। व्यापारियों का कहना है कि हड़ताल लंबी चली तो हर दिन लाखों रुपए का नुकसान व्यापारियों का होगा। अभी इस सीजन में भी करीब 30 ट्रक अनाज बाहर जाता है। व्यापारियों ने बताया कि आगामी समय धान और सोयाबीन की आवक का आ रहा और हम्मालों की मांगों का उचित हल नहीं निकाला गया तो अनाज व्यापार बुरी तरह प्रभावित होगा। अनाज का परिवहन नहीं हो पाएगा। मिलों में अनाज संबंधी मशीनें बंद हो जाएंगी। मजदूरों का काम रुकेगा और बिना काम के बिजली बिल की मोटी राशि भी जमा करना होगी। मंडी की भी आय प्रभावित होगी।


मंडी में काम बंद होने की स्थिति के लिए मंडी प्रशासन व व्यापारी जिम्मेदार है। मंडी बोर्ड के ही निर्णय है कि हम्मालों से 50 किलो से अधिक की तौल न कराएं तो फिर इस नियम का पालन क्यों नहीं कराया जा रहा।

माधोसिंह, अध्यक्ष, अनाज मंडी हम्माल युनियन

यह मंडी बोर्ड और हम्मालों के बीच का मामला है। मंडी बोर्ड को चाहिए कि हम्माली की अनुपातिक दरें कम करके पूरे प्रदेश में समान दर एकसाथ लागू की जाए और व्यापारियों को 50 किलो की कट्टी की व्यवस्था के लिए करीब छह माह का समय दिया जाना चाहिए।

राधेश्याम माहेश्वरी, अध्यक्ष अनाज तिलहन संघ

सभी अपने हितों का ध्यान रख रहे जबकि किसानों की समस्या को जिला प्रशासन से लेकर शासन स्तर पर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा। इस हड़ताल से किसानों को ही सर्वाधिक परेशान होना पड़ेगा।

मोहरसिंह रघुवंशी, किसान नेता

यह मामला हम्मालों व व्यापारियों के बीच का है। हम्माल 50-60 किलो से अधिक की तौल न करने की कह रहे जबकि व्यापारी वारदाने की समस्या बता रहे। इस मुद्दे का प्रदेश स्तर पर हल होना है, जिसके लिए बैठकें चल रही हैं।

केके बगवैया, सचिव, अनाज मंडी

 

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