करीब 2-3 फीट पानी और तेज बहाव था
वाक्या मंगलवार सुबह करीब 10 बजे का है। बीजूखेड़ी की 20 वर्षीय चंद्रकला मैना पत्नी संजीव मैना को प्रसव पीड़ा होने पर लटेरी ले जाने की तैयारी हुई। नदी उफान पर थी और ले जाना मुश्किल था। पुल के टूृटे होने पर जिस मेड़ पर से लोगों का आना-जाना होता है, उस मेड़ पर भी करीब 2-3 फीट पानी और तेज बहाव था।
चंद्रकला ने बच्चे को जन्म दिया
ऐसे में गर्भवती को ले जाना चुनौतीभरा था। लेकिन जान हथेली पर रखकर कुछ ग्रामीणों ने ट्रैक्टर-ट्राली के जरिए गर्भवती को नदी पार कराने का निर्णय लिया और तेज बहाव से ट्रैक्टर-ट्राली निकाल कर चंद्रकला को नदी पार कराई गई। लटेरी अस्पताल में पहुंचने के करीब एक घंटे बाद ही चंद्रकला ने बच्चे को जन्म दिया।
बारिश के दिनों में बहुत मुश्किल हो जाता है
गौरतलब है कि बीजूखेडी़ का पुल करीब 6 वर्ष से टूटा पड़ा है। पुल निर्माण के लिए प्रशासन को कई आवेदन दिए जा चुके हैं, लेकिन ग्रामीणों की सुनवाई नहीं हो पा रही। जब नदी में पानी नहीं होता तो बाकी दिनों में तो मेड़ से आना-जाना हो जाता है, लेकिन बारिश के दिनों में बहुत मुश्किल हो जाता है। लोग जान जोखिम में डालकर नदी पार करते हैं।
2018 में भी सर्वे हो चुका
करीब चार माह पहले पुल के लिए सर्वे हुआ था, 2018 में भी सर्वे हो चुका है, लेकिन निर्माण नहीं हुआ। ग्राम पंचायत के पास इतनी राशि नहीं है कि वह पुल निर्माण करा सके, ऐसे में प्रशासन की ओर ग्रामीणों की नजर है। ग्रामीणों ने कहा है कि यदि पुल का निर्माण नहीं हुआ तो पंचायत चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा।