जिले को सींचने वाले सम्राट अशोक सागर बांध के अलावा छह मध्यम सिंचाई परियोजनाओं के बांध हैं। इस बार बारिश में सभी बांध लगभग पूरी तरह भर गए थे, लेकिन जून माह के शुरू होने के साथ ही कुरवाई स्थित रेहटी बांध और त्योंदा स्थित बघर्रू बांध का जल स्तर डेड स्टोरेज लेवल तक पहुंच चुका है। इसी तरह विदिशा-रायसेन को सींचने और मुश्किल के समय में पेयजल भी उपलब्ध कराने वाले सम्राट अशोक सागर बांध में पिछले सालों से इस बार बेहतर मात्रा में पानी है।
जिले से संबंधित प्रमुख बांधों का मौजूदा हाल
बांध फुल टेंक लेवल अब शेष पानी
सम्राट अशोक सागर बांध 459.61 मीटर 454.8 मीटर
रेहटी मध्यम बांध 422.65 मीटर 419.20 मीटर
सगड़ बांध 455.64 मीटर 449.90 मीटर
संजय सागर बांध 448.20 मीटर 441.90 मीटर
कैथन बांध 482.86 मीटर 477.07 मीटर
नरेन बांध 446.98 मीटर 443.12 मीटर
बघर्रू बांध 455.00 मीटर 450.70 मीटर
(जल स्तर जल संसाधन विभाग से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर)
सिरोंज की जीवन रेखा कैथन बांध वर्षों से अतिक्रमण का दंश झेल रहा है। लगभग हर साल यह मुद्दा गर्माता है और फिर प्रशासन कार्रवाई के नाम पर अतिक्रमणकारियों के नामों की सूची, उनके अतिक्रमण का रकबा आदि की सूची तैयार करने का काम करके अपने कार्य की इतिश्री कर लेता है। दो वर्ष पहले अतिक्रमणकारियों की फसल रौंदने और कुछ मोटरों को जप्त करने की कार्रवाई भी हुई थी, लेकिन इसके बाद भी हालात नहीं सुधरे। बांध की जगह पर फसल बोने, खाद डालने, कीटनाशक डालने का भी काम वर्षों से चल रहा है,लेकिन तमाम प्रयासों और राजनैतिक हस्तक्षेप के कारण इस पर अंकुश नहीं लग सका। बता दें कि जिस बांध की जगह पर रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग हो रहा है, उसी बांध का पानी सिरोंज की जनता पेयजल के रूप में भी करती है।
त्योंदा तहसील के बघर्रू बांध और कुरवाई तहसील के रेहटी बांध की हालत इस बार जून में हर साल की तरह ही है। ये दोनों बांध जून आते-आते लगभग रीत जाते हैं। इस समय भी इनका पानी तली में जा पहुंचा है। जल संसाधन विभाग की मानें तो ये पानी डेड स्टोरेज का है और नहरों में इसका उपयोग नहीं हो सकता। इसका पानी अब केवल पंप ही किया जा सकता है अथवा मवेशियों के काम आ सकता है। जब तक बारिश नहीं होती है तब तक यहां के हालात और बिगड़ेंगे।
जिले की शमशाबाद तहसील स्थित सगड़ बांध और संजय सागर बांध की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर है। यहां पिछले वर्षों की तुलना में अभी ठीक पानी है। इन बांधों से काफी क्षेत्र में सिंचाई होती है। दोनों बांध अधिक पुराने नहीं हैं।
कैथन बांध की जगह पर कई लोगों द्वारा अतिक्रमण कर खेती और सिंचाई की जाने की शिकायत मिली थी। खेती के कारण पेस्टीसाइड्स का इस्तेमाल भी डेम की जगह पर हो रहा था, जो पेयजल के लिहाज से नुकसानदायक है। इस मामले में कुछ लोगों को नोटिस जारी कर प्रकरण भी बनाए हैं। कार्रवाई जारी है।
-अलका सिंह, तहसीलदार सिरोंज