प्रशिक्षण के दौरान ट्रेफिक इंचार्ज मिलन जैन ने बताया कि ट्रेफिक नियमों का पालन करके कैसे दुघर्टनाओं से बचा जा सकता है। अमुमन लोगों के अंदर एक धारणा होती है कि जो होेना है वह होकर ही रहेगा आप और हम उसे रोक नहीं सकते। इसलिए ट्राफिक नियमों की अवहेलना करते है। पर, अगर नियमों का पालन करके हम दुर्घटना को टाल सकते है तो उसे टालने में क्या हर्ज है। उन्होंने आगे बताया कि बिना लायसेंसधारी लोग यदि वाहन चलाते हैं तो उन पर एक हजार रुपए तक का जुर्माना हो सकता है।
कैम्प कमांडेंट कर्नल बीपी सिंह ने केडेट्स को संबोधत करते हुए कहा कि जुर्माना से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण इंसान की जान है। इंसान को यह समझना चाहिए। जुर्माना लेने का हमारा सिर्फ एक ही मकसद इंसान अपनी कीमत समझे। जब तक वह खुद की कीमत नहीं समझेगा तब तक सड़क दुर्घटनाएं जैसी स्थिति आम ही बनी रहेंगी। यह बात लोगों को समझना चाहिए।
इसलिए लायसेंस धारी ही वाहन चलाएं। लेफ्टिनेंट रामानंद मिश्रा ने केडेट्स को व्यक्तित्व विकास के बारे में बताते हुए कहा कि व्यक्तित्व १६ कारकों से मिलकर बना होता है, जो स्थाई व्यक्तित्व का निर्माण करता है। बाहर से आए जूनियर डिवीजन के ४० केडेट्स को सांची के बौद्ध स्तूपों का भ्रमण कराकर ऐतिहासिक जानकारी दी गई। कैम्प कमांडेंट कर्नल सिंह के साथ सूबेदार मेजर करनेल सिंह, कैप्टन मंजू जैन, संजीव माथुर, मनीष छंछर, निधि शर्मा, अनिल दुबे, रश्मि पाठक, हेमंत श्रीवास्तव आदि मौजूद थे।