विदिशा. आगामी नए वित्त वर्ष में जमीनों के दाम बढऩे की आस लगाए बैठे जमीन मालिकों के लिए बुरी खबर है। इस बार जिला प्रशासन ने राज्य शासन को जो प्रस्ताव भेजा है, उसमें सिर्फ विदिशा के ईदगाह चौराहा से रामलीला चौराहा तक की जमीनों के दाम 10 फीसदी बढ़ाने का प्रस्ताव शामिल है। यह […]
विदिशा. आगामी नए वित्त वर्ष में जमीनों के दाम बढऩे की आस लगाए बैठे जमीन मालिकों के लिए बुरी खबर है। इस बार जिला प्रशासन ने राज्य शासन को जो प्रस्ताव भेजा है, उसमें सिर्फ विदिशा के ईदगाह चौराहा से रामलीला चौराहा तक की जमीनों के दाम 10 फीसदी बढ़ाने का प्रस्ताव शामिल है। यह इलाका भाजपा के दो कद्दावर जनप्रतिनिधियों के निवास वाला है। बाकी जिले को कम बारिश और रीयल एस्टेट सेक्टर की मंदी से प्रभावित बताया गया है, जबकि इस रसूखदार इलाके पर सूखे या मंदी की मार नहीं है।
जिला मूल्यांकन समिति की बैठक में जिले में जमीनों के दाम बढ़ाने को लेकर चर्चा हुई थी। इस बैठक के बाद जो प्रस्ताव तैयार हुआ, उसमें विदिशा-अशोकनगर स्टेट हाईवे-19 पर ईदगाह चौराहे से रामलीला चौराहा तक की जमीनों के दाम 10 फीसदी बढ़ाने का प्रस्ताव पारित किया गया है। अब इसे अनुमोदन के लिए राज्य शासन को भेजा जाएगा। इस बैठक में जिले के सभी सब रजिस्ट्रार, नगरपालिका, लोक निर्माण विभाग, राजस्व, सिंचाई आदि विभागों के अधिकारी और जनप्रतिनिधि मौजूद थे। जिन्होंने जिले की जमीनों की कीमतों का मसौदा तैयार किया।
अन्य जगह यथावत
शेष जिले में जमीनों के दाम चालू वित्त वर्ष जैसे ही रखना तय किया गया। इसके लिए तर्क दिया गया कि इस वर्ष जिले को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है। इसलिए कहीं भी कृषि भूमि के दाम में एक प्रतिशत की भी वृद्धि नहीं होगी। यही स्थिति रहवासी और व्यवसायिक क्षेत्र में भूखंडों की रहेगी। इस इलाके के कद्दावर नेताओं की सत्ता में सीधी पहुंच देखते हुए राज्य शासन से यह प्रस्ताव आसानी से मंजूर होने की पूरी संभावना है।