शिक्षकों की होगी निगरानी
इस एप का उद्देश्य स्कूल में शिक्षकों की उपस्थिति पर निगरानी रखना है। इसमें शिक्षक की उपस्थिति के आलावा अवकाश का आवेदन, प्रमोशन, क्रमोन्नति और सूचनाओं का आदान प्रदान आदि कार्य हो सकेंगे। इसमें होम, शिक्षक, स्कूल, विद्यार्थी आदि टैब हैं। सभी शिक्षकों को एप डाउनलोड करना अनिवार्य किया गया है। जिले में शिक्षकों ने इस एप के जरिए अटेंडेंस भरना शुरू भी कर दिया है।
इन क्षेत्रों में परेशानी
विभागीय कर्मचारियों के मुताबिक शहरी क्षेत्र में मोबाइल से अटेंडेंस भरने में मुश्किल नहीं है लेकिन कुछ ब्लाकों के दूरस्थ क्षेत्र में नेटवर्क समस्या के कारण ज्यादा परेशानी है। लटेरी के झूकरजोगी, कालादेव, सिरोंज के भगवंतपुर, रतनबर्री, ग्यारसपुर क्षेत्र के लखूली, बंडवा आदि कई दूरस्थ क्षेत्र हैं जहां स्थित स्कूलों में नेटवर्क मिलना मुश्किल होता है। ऐसे में यहां के शिक्षकों के सामने मोबाइल पर एप के जरिए अटेंडेंस भरने में आफत आएगी।
यह बन रही नौबत
-कुछ शिक्षक अपने बच्चों से इस एप को डाउनलोड करा कर उपस्थिति दर्ज करना सीख रहे।
-कई शिक्षक पासवर्ड नहीं बनवा पाए।
-स्कूल कहीं और एप पर लोकेशन अलग स्थान का दिखाने से असमंजस की स्थिति बन रही।
-ग्रामीण क्षेत्र के कई स्कूलों में नेटवर्क न मिलने की बात शिक्षक कह रहे हैं।
करीब डेढ़ हजार शिक्षक प्रभावित
विभागीय कर्मचारियों के अनुसार जिले में 1863 प्राथमिक स्कूल, 770 माध्यमिक स्कूल, 111 हाई स्कूल एवं 82 हायर सेकेंड्री स्कूल हैं। इन सभी स्कूलों में करीब 7 हजार 239 शिक्षक हैं। इनमें दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र के करीब 1 हजार ५०० शिक्षकों के समक्ष नेटवर्क की समस्या है।
इस व्यवस्था का हमने पहले भी विरोध किया है। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद भी इसे लागू कर दिया। ग्रामीण क्षेत्र में नेटवर्क की समस्या रहती है। अगर इस व्यवस्था में शिक्षकों का वेतन कटा तो हमें आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
-उमरावसिंह कुशवाह, जिलाध्यक्ष, मप्र राज्य कर्मचारी संघ
एफ डाउनलोड करने व इसके जरिए उपस्थिति दर्ज करने के निर्देश जारी किए जा चुके हैं। इसकी मानीटरिंग भी करेंगे। नई व्यवस्था में जो समस्याएं आएंगी उनका समाधान भी किया जाएगा।
-एचएन नेमा, डीईओ, विदिशा